scriptवीडियो: सरकार ने डेढ़ साल पहले बंद कर दी योजना, लेकिन अब भी बना रही भवन | Video: The government stopped the plan, but the building still built | Patrika News

वीडियो: सरकार ने डेढ़ साल पहले बंद कर दी योजना, लेकिन अब भी बना रही भवन

locationनागौरPublished: Mar 13, 2018 10:30:04 pm

Submitted by:

shyam choudhary

आरोग्य चल इकाई के नाम पर जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद करने का खेल, जिला स्तर की इकाइयों के भवन भी स्टाफ व बजट के अभाव में फांक रहे धूल

Livestock Health Mobile Units

The government stopped the plan, but the building still built

नागौर. सरकार के स्तर पर जनता के अमूल्य धन को किस प्रकार बर्बाद किया जाता है या कहें ठिकाने पर लगाया जाता है, इसका ताजा उदाहरण इन दिनों पशुपालन विभाग में देखने को मिल रहा है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की गई तहसील स्तरीय पशुधन आरोग्य चल इकाई योजना को डेढ़ साल पहले यानी अक्टूबर २०१६ में बंद कर दिया, लेकिन इस योजना के तहत जिले के प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर १५-१५ लाख रुपए की लागत से भवन बनाने का काम आज भी जारी है। रियांबड़ी में आज तक जमीन नहीं मिली, इसलिए मुख्यालय से समय-समय पर पत्र भेजकर जमीन ढूंढऩे के लिए कहा जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि जहां भवन निर्माण एजेंसी ने काम पूरा कर लिया है, वहां पशुपालन विभाग भवन टेकऑवर करने के लिए तैयार नहीं है। इसकी भी वजह यह है कि स्थानीय अधिकारियों को राजधानी स्तर के अधिकारियों से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है।
सरकारी योजना के खोखलेपन की दास्तां यहीं खत्म नहीं हो रही। राज्य सरकार ने अक्टूबर २०१६ में जब तहसील स्तरीय पशुधन आरोग्य चल इकाई योजना को बंद किया तो एक नया फरमान जिला मोबाइल यूनिट का जारी कर दिया, जिसके तहत नागौर जिले में नागौर, मेड़ता व जायल में जिला मोबाइल यूनिट बनाई गई। लेकिन दुखद पहलू यह है कि सरकार पिछले डेढ़ साल में इनमें से एक भी यूनिट चालू नहीं कर पाई है। सरकार ने न तो इन यूनिट को चलाने के लिए बजट दिया और न ही स्टाफ। इन यूनिट के भवन भी बनकर तैयार हैं और धूल फांक रहे हैं।
यहां बन चुके हैं भवन
तहसील स्तरीय पशुधन आरोग्य चल इकाई योजना के तहत राज्य सरकार ने वर्ष २०१५ में १५-१५ लाख रुपए जारी कर भवन बनाने के लिए राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कार्यादेश जारी किए। अब निर्माण एजेंसी ने नागौर, खींवसर, जायल, डेगाना, मेड़ता सहित अन्य स्थानों पर भवन बनाकर तैयार कर दिए है, लेकिन विभाग उन्हें टेकऑवर नहीं कर रहा। अब निर्माण एजेंसी के अधिकारी पशुपालन विभाग को भवन अपने अधीन लेने के लिए पत्र लिख रहे हैं ।

बजट व स्टाफ की कमी से जूझ रहे
राज्य सरकार के आदेश पर तहसील स्तरीय पशुधन आरोग्य चल इकाई बंद कर दी गई। इसके बाद नागौर जिले में नागौर, मेड़ता व जायल में जिला मोबाइल इकाई बनाई गई, लेकिन उनका भी बजट व स्टाफ के अभाव में संचालन नहीं हो पा रहा है। जहां तक तहसील स्तर पर बने भवनों का सवाल है तो इस सम्बन्ध में हमें अब तक ऊपर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं, जिसके चलते वे भी हम अपने अधीन नहीं ले रहे हैं।
– डॉ. महेश मीणा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, नागौर
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