जेल के बंदियों ने भी मनाई होली
नागौर. होली रंगों और उमंगों का त्योहार है। राजस्थान पत्रिका ने इस भावना को समझा और छरण्डी के दिन गुरुवार को जेल में बंदियों को स्वरों के मिठास की सौगात दी। जेल में ‘स्वर-साधना’ के कलाकारों की ओर से की गई इस ‘धमाल’ ने न केवल बंदियों के जीवन में होली की मिठास घोली बल्कि परम्परागत होरियों और लोक गीतों से जेल परिसर में मौजूद हर शख्स को आनंदित कर दिया। बंदियों ने भी गायकों के गीतों पर ठुमके लगाए और उनका उत्साह बढ़ाया। जेल उप अधीक्षक श्रवणलाल चौधरी ने कहा कि पत्रिका के इस आयोजन से पता चलता है कि पत्रिका केवल अखबार ही नहीं संस्कार एवं सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों भी अग्रणी रहने वाला संस्थान है। उप अधीक्षक चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हर त्योहार पर होने से बंदियों को भी सुकून मिलता है तथा वे समाज की मुख्यधारा से जुडऩे के सकारात्मक प्रयास करेंगे। नागौर के संपादकीय प्रभारी रूद्रेश शर्मा ने जेल प्रबंधन, कलाकारों, सहयोगियों तथा बंदियों को धन्यवाद दिया। स्ट्राइव फिल्म ने इस पूरे कार्यक्रम की यादों को कैमरे में कैद किया, वहीं मधुर साउण्ड ने गायकों का साथ दिया।
नागौर. होली रंगों और उमंगों का त्योहार है। राजस्थान पत्रिका ने इस भावना को समझा और छरण्डी के दिन गुरुवार को जेल में बंदियों को स्वरों के मिठास की सौगात दी। जेल में ‘स्वर-साधना’ के कलाकारों की ओर से की गई इस ‘धमाल’ ने न केवल बंदियों के जीवन में होली की मिठास घोली बल्कि परम्परागत होरियों और लोक गीतों से जेल परिसर में मौजूद हर शख्स को आनंदित कर दिया। बंदियों ने भी गायकों के गीतों पर ठुमके लगाए और उनका उत्साह बढ़ाया। जेल उप अधीक्षक श्रवणलाल चौधरी ने कहा कि पत्रिका के इस आयोजन से पता चलता है कि पत्रिका केवल अखबार ही नहीं संस्कार एवं सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों भी अग्रणी रहने वाला संस्थान है। उप अधीक्षक चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हर त्योहार पर होने से बंदियों को भी सुकून मिलता है तथा वे समाज की मुख्यधारा से जुडऩे के सकारात्मक प्रयास करेंगे। नागौर के संपादकीय प्रभारी रूद्रेश शर्मा ने जेल प्रबंधन, कलाकारों, सहयोगियों तथा बंदियों को धन्यवाद दिया। स्ट्राइव फिल्म ने इस पूरे कार्यक्रम की यादों को कैमरे में कैद किया, वहीं मधुर साउण्ड ने गायकों का साथ दिया।