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गांव की सरकार ने अटकाई रीको क्षेत्र विकास की योजना

locationनागौरPublished: Nov 12, 2021 09:33:23 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

पत्रिका एक्सक्लूसिव
सवाईसिह हमीराणा
खींवसर(nagaur). सरकारी खजाने में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की आय देने वाले उद्यमी सरकार की अनदेखी के चलते अपने स्तर पर मूलभूत सुविधाए जुटा रहे हैं। क्षेत्र में काफी संख्या में इंडस्ट्रीज है लेकिन न तो वाहन चलने योग्य मार्ग और ना ही बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था। यहां कच्चे मार्गों पर दिनभर धूल के गुब्बार उड़ते रहते हैं। बिजली कब चली जाए कुछ कह नहीं सकते।

गांव की सरकार ने अटकाई रीको क्षेत्र विकास की योजना

खींवसर. खींवसर क्षेत्र के प्रेमनगर में लगी इंस्ट्रीज।

– वर्ष 2018 में तत्कालीन उद्योग मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर तैयार किया था प्रस्ताव

– डेहरू पंचायत ने राजनीति चलते नहीं दी जमीन की एनओसी

– सुविधाओं के अभाव में बड़े उद्यमियों का उद्योग लगाने स मोहभंग
– न सडक़ न बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था

रात होते ही चारों तरफ सन्नाटा पसर जाता है। न तो कोई रोड़ लाइटें है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। यहां सुविधाएं मिलने की संभावना तो थी पर राज्य सरकार पर गांव की सरकार भारी पड़ गई।
प्रदेश के तत्कालीन उद्योग मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर ने यहां इंडस्ट्रीज को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए रीको क्षेत्र बनाने को लेकर प्रस्ताव भी तैयार करवाया, लेकिन गांवों की सरकार ने आपत्ति जताकर सुविधाओं पर विराम लगा दिया। जब गांवों की सरकार बदली तो मंत्री का महकमा बदल गया। बदहाल स्थिति देखकर उद्यमी भी यहां उद्योग लगाने से कतराने लगे हैं। अगर पंचायतें रोड़ा नहीं अटकाती तो क्षेत्र के वारे-न्यारे हो जाते। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलने के साथ करीब तीन सौ बीघा भूमि पर बड़ी इन्डस्ट्री की स्थापना हो सकती थी।
वर्ष 2018 में तत्कालीन उद्योग मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर के कार्यकाल के समय क्षेत्र में तीन सौ बीघा भूमि पर रीको इन्डस्ट्रीयल एरिया विकसित करने के लिए प्रस्ताव लिया गया था। यह रीको क्षेत्र खींवसर, प्रेमनगर से होते हुए गुडिय़ा ग्राम तक विकसित होना था। इस तीन सौ बीघा भूमि में से दो सौ बीघा भूमि खींवसर पंचायत में तथा सौ बीघा भूमि डेहरू पंचायत में आती है। खींवसर क्षेत्र की भूमि के लिए खींवसर पंचायत ने एनओसी दे दी, लेकिन डेहरू पंचायत द्वारा एनओसी नहीं दी गई। इस कारण यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया तथा रीको इन्डस्ट्रीयल एरिया विकसित होने का सपना अधूरा रह गया। हालांकि खींवसर ग्राम पंचायत क्षेत्र में आने वाली जमीन पर कुछ फैक्ट्रियां स्थापित तो हुई है लेकिन इस एरिया में न तो पक्की सडक़ें बनी है और न ही पानी व श्रमिकों के ठहरने की व्यवस्था है। श्रमिकों के ठहरने से लेकर उनके लिए पानी तक की सभी सुविधाएं उद्यमी को स्वयं करनी पड़ रही है। रीको की खराब हालत को देखते हुए अन्य उद्योगपतियों का भी रूझान कम हो रहा है।
मिलता हजारों हाथों को रोजगार

प्रस्ताव के अनुरूप अगर तीन सौ बीघा जमीन पर रीको इन्डस्ट्रीयल एरिया विकसित होता तो खींवसर क्षेत्र ही नहीं आसपास क्षेत्रों के हजारों हाथों को रोजगार मिलता। साथ ही अन्य प्रदेशों में जाने वाले युवाओं को भी अपने क्षेत्र में काम मिलता। स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भी काम के लिए भटकना नहीं पड़ता।
सुविधाओं के अभाव में बेरूखी

खींवसर क्षेत्र में वर्तमान में रीको इन्डस्ट्रीयल एरिया के नाम पर कुछ फैक्ट्रियां तो लगी है लेकिन वो जगह कंटिली झाडिय़ों से भरी हुई है। इंडस्ट्री एरिया में जाने के लिए न तो पक्की सडक़ें हैं और न ही पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था । रीको में श्रमिकों के ठहरने व पानी की व्यवस्था तक नहीं है। सुविधाओं के अभाव में उद्योगपतियों का मोह भंग हो रहा है।
सरकार करें सुविधाओं का विस्तार

खींवसर क्षेत्र में लाइम स्टोन के अथाह भंडार को लेकर बड़े उद्योग धंधे लगने की प्रबल संभावनाएं है लेकिन सरकार सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा रही है। इसके कारण उद्योगपतियों का मोह भंग हो रहा है। जिन्होंने उद्योग लगाए उन्हें आवश्यक सुविधाएं खुद जुटानी पड़ रही है। सरकार अगर रीको क्षेत्र घोषित कर देती तो और भी उद्योग लगने की संभावनाएं थी।
– राजेन्द्र जांगिड़, उद्योगपति एवं भाजपा नेता, खींवसर

अपने स्तर पर जुटा रहे सुविधा

रीको को लेकर तैयार प्रस्ताव पर हमने तो एनओसी जारी कर दी, लेकिन डेहरू पंचायत की आपत्ति मिलने से रीको विकसित करने की येाजना अधूरी रह गई। यहां न तो ढंग की सडक़ है और न ही बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था।
– नरेश भाटी, पूर्व उप सरपंच, खींवसर

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