नागौर

प्रशासन के भरोसे बेकाबू अवैध खनन को रोकने के लिए ग्रामीण हुए एकजुट

आलनियावास. कस्बे सहित आसपास के राजस्व हल्का में आने वाली नदी नाला गोचर सहित सरकारी जमीनों पर प्रशासन के भरोसे अमरबेल की तरह पसरे अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए अब ग्रामीणों ने खनन माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

नागौरFeb 24, 2020 / 05:54 pm

Sandeep Pandey

ग्रामीणों की पंचायत में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जुर्माना वसूल वसूलने का प्रावधान भी तैयार किया गया

आलनियावास. कस्बे सहित आसपास के राजस्व हल्का में आने वाली नदी नाला गोचर सहित सरकारी जमीनों पर प्रशासन के भरोसे अमरबेल की तरह पसरे अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए अब ग्रामीणों ने खनन माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अवैध बजरी खनन को लेकर आयोजित बैठक के दौरान सैकड़ों लोगों ने एक स्वर में अवैध बजरी खनन पर अंकुश लगाने के लिए सहमति जताई। चर्चा के बाद अवैध खनन पर निगरानी के लिए पचास सदस्यों की कमेटी बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई। ग्रामीणों की पंचायत में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जुर्माना वसूल वसूलने का प्रावधान भी तैयार किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की और से हर बार कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।लेकिन कार्यवाही के अभाव में अवैध बजरी खनन रोकने के बजाय और ज्यादा फैलता गया। गोचर जमीन पर खनन माफियाओं ने फिर से अवैध बजरी खनन को अंजाम देना शुरू कर दिया। सूचना के बाद रामानंद गौशाला कमेटी के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर अवैध बजरी खनन बंद करने को कहा दूरभाष पर जिला कलक्टर और कार्यवाहक उपखंड अधिकारी तहसीलदार को शिकायत की अगले दिन मौके पर आए खनन विभाग गोटन के सहायक खनिज अभियंता महेश प्रकाश पुरोहित से गौशाला कमेटी के सदस्यों ने अवैध बजरी खनन को गंभीर समस्या बताते हुए कार्रवाई करने की मांग की। बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। 18 फरवरी को राजस्थान पत्रिका में अवैध बजरी खनन को लेकर ग्रामीणों में रोष समाचार प्रकाशित हुए। आखिरकार शनिवार को तालाब की पाल पर ग्रामीणों की बैठक हुई मौके पर पहुंचे हजारों लोगों ने माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ग्रामीण स्तर पर कार्रवाई करने के लिए एकजुटता दिखाई। बैठक के दौरान अवैध खनन करते हुए पाए जाने पर जेसीबी एलएनटी डंपर अन्य कोई भी वाहन सरकारी जमीनों पर अवैध खनन में लिप्त पाया जाता है। तो जुर्माना तय किया गया।

बाहरी क्षेत्र के लोग कर रहे अवैध खनन
बाहरी क्षेत्र के प्रभावशाली लोग यहां आकर अवैध बजरी खनन को अंजाम दे रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में अवैध बजरी से परिवहन होकर डंपर जाते थे। जिसके चलते राजस्व हल्का में आने वाली सैकड़ों बिग्गा गोचर चारागाह जैसी सरकारी जमीन को तेजनेस करके रख दिया।

गोचर पर मेड बंदी के बाद सूचना बोर्ड की स्थापना

सीमांकन के बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही अवैध बजरी खनन को रुकवा कर राजस्व विभाग के सहयोग से राजस्व हल्का में आने वाली हजारों बीघा गोचर जमीन को सुरक्षित करने के लिए मेड़बंदी के बाद सूचना बोर्ड लगाएं बावजूद इसके खनन माफियाओं ने अवैध बजरी खनन को अंजाम देना शुरू कर दिया। जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष पनप गया।

परेशानी बना अवैध बजरी खनन

उपखंड क्षेत्र में कस्बे सहित लाडपुरा बिजाथल दासावास लूंगीया रियाबड़ी कालनी कोड रोहिसा रोहिसी जड़ाऊ झीटियां बड़ायली सहित लूनी नदी के किनारे आने वाले सभी ग्रामीणों की ओर से अवैध बजरी खनन को लेकर प्रशासन को कई बार लिखित में अवगत करवाया लेकिन सब कुछ बेअसर होता दिखा।

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