गौरतलब है कि गत 6 दिसम्बर को फिड़ौद निवासी हाल नागौर के खत्रीपुरा में रहने वाले सुखराम ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि अज्ञात लोगों ने उसके पुत्र विनोद हत्या कर सबूत मिटाने के लिए शव को डेह रोड स्थित थाम्बोलाई नाडी के पास सडक़ किनारे डाल दिया। सुखराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या व सबूत मिटाने की धारा में मामला दर्ज कर जांच उप निरीक्षक नरोत्तम सिंह को सौंपी। एसपी विकास पाठक के निर्देश पर नागौर एएसपी रामकुमार कस्वां व वृत्ताधिकारी तेजपालसिंह के सुपरविजन में कोतवाली थानाधिकारी अमराराम खोखर व सुरपालिया थानाधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाकर मामले का खुलासा करने के प्रयास किए गए।
लोगो बना अहम सुराग
कोतवाली थानाधिकारी खोखर ने बताया कि दुर्घटना के बाद पुलिस को मौके से शेवरलेट कम्पनी का लोगो मिला, जो कार के आगे लगा होता है। हरिमा टोल पर जोधपुर जिले के नम्बर की जो कार निकली, उस पर वह लोगो लगा हुआ था। इससे पुलिस का शक बढ़ गया। पुलिस ने कार का पता लगाया तो जोधपुर के गैराज में मिली, जिसका आगे का हिस्सा व कांच पूरी तरह क्षतिग्रस्त था। कार के आगे लोगो नहीं होने से पुलिस का शक यकीन में बदल गया। पुलिस ने कार जब्त कर दुर्घटना के समय कार चलाने वलो जसराज को भी दस्तयाब किया है।