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पिछले चुनाव में ‘पर्ची’ ने किया था कमाल, मतदाताों को इस बार भी देंगे पर्ची

locationनागौरPublished: Oct 28, 2018 11:12:10 am

Submitted by:

shyam choudhary

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गत विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 80.41 प्रतिशत व जिले में 76.31 प्रतिशत मतदाताओं ने दिया था वोटर स्लीप से वोट- जिले में 22.32 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटर कार्ड व 0.60 प्रतिशत ने अन्य दस्तावेजों के माध्यम से दिया था वोट- मतदान प्रतिशत बढ़ाने में अहम साबित हुई वोटर स्लीप

#voteChallenge

‘मेरा वोट मेरा संकल्प : जब मतदान करेगा हर व्यक्ति,तभी बढ़ेगी देश की शक्ति

नागौर. आम चुनावों में मतदाता को बूथ तक ले जाने एवं मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग करोड़ों रुपए खर्च करता है, ताकि मजबूत लोकतंत्र स्थापित हो सके। इसके लिए हर बार कुछ न कुछ नवाचार भी किए जाते हैं। ऐसा ही एक नवाचार वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने वोटर स्लीप (पर्ची) देकर किया था, जिसका परिणाम नागौर जिले में यह रहा कि यहां औसत मतदान में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि आई।

विधानसभा चुनाव-2008 में जहां नागौर की दसों विधानसभा में मतदान का प्रतिशत 70 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया था, वहीं पिछले विधानसभा चुनाव यानी वर्ष 2013 में जिले की आरक्षित सीट जायल व मेड़ता विधानसभा को छोड़ दें तो सब जगह 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। हालांकि जायल व मेड़ता में गत चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत में 10 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि आई।
पर्ची की सुविधा ज्यादा
वर्ष 2013 के विधानसभा में प्रदेश में जहां कुल मतदाताओं में से 80.41 प्रतिशत ने वोटर स्लीप के माध्यम से मतदान किया था, वहीं जिले में 76.31 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटर स्लीप से वोट दिया था। वहीं खास तौर से मतदान के लिए बनाए गए मतदाता पहचान पत्र के माध्यम से प्रदेश में 19.35 प्रतिशत तथा जिले में 22.32 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। पहली ही बार वोटर स्लीप का उपयोग पहचान पत्र की तुलना में चार गुना होने के पीछे कई कारण हैं। वोटर स्लीप में विधानसभा का नाम, मतदाता का नाम, लिंग, पिता का नाम, बूथ संख्या, मतदान केन्द्र का नाम, मतदाता क्रमांक, मतदाता पहचान पत्र क्रमांक के साथ मतदाता का फोटो भी रहेगा। इसके साथ मतदान की तारीख व समय भी लिखा रहेगा, जिससे मतदाता को वोट देने में आसानी रहती है।
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