छत से टपक रहा पानी विद्यालय के पास रहने वाले पंचायत समिति सदस्य सुवाराम खेरवा ने बताया कि वर्षा के दौरान समूचे स्कूल भवन की छत टपकती है। जिससे बच्चे बैठ नहीं पाते शिक्षको को किताबें व अन्य सामान दरियों से ढककर रखना पड़ता है। सामने और एक साइड से स्कूल के बाहर जगह खुली है। दीवारों में सीलन आई हुई है। यह सब तकलीफ बच्चे कई सालों से झेल रहे हैं।
बेपरवाह शिक्षक
बेपरवाह शिक्षक
अधिकारियों की बेपरवाही के बारे में तो सुनते रहते है, लेकिन यहां स्थानीय पंचायत प्रशासन और विद्यालय के शिक्षक भी बेपरवाह है। जिसके चलते प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय की दुर्दशा हो रही है। कुछ जिम्मेदारी तो शिक्षकों की भी होती है। तीन कमरों के निर्माण का सामान लाने के लिए लोहे का मुख्यद्वार हटाए करीब एक साल हो गया है, लेकिन लगवाएं कोन, पौधरोपण लोहे जाली लगाकर किया जा सकता है, लेकिन जाली के पैसे खर्च करे कोन। प्राथमिक विद्यालय के सामने उगे कंटीले झाड़ कटवाएं जा सकते है, लेकिन इनसे शिकक्षों को कोई सरोकार नहीं है।
कोई भी नहीं देते ध्यान पिछले दो साल से स्कूल की छत टपकने व दीवारों में दरारें आने के बारे में पंचायत, पंचायत समिति व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया, लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।
सुवाराम खेरवा पंचायत समिति सदस्य नावां