नागौरPublished: May 27, 2022 10:43:04 pm
Sharad Shukla
Nagaur. सोलर संयन्त्र लगाने में घटी दिलचस्पी का पता लगाने जयपुर से नागौर पहुंचे अधिकारी-काश्तकारों के लिए कुसुम योजना में सोलर संयन्त्र लगाने की महती योजना में उपलब्धि औसत-अक्षय ऊर्जा विभाग की नगरपरिषद में कार्यशाला में हुई इस पर चर्चा-किसानों ने कहा कि बैंक नहीं कर रहे सहयोग
नागौर. किसानों को सोलर संयत्र लगाने के लिए पिछले दो साल से चल रही कुसुम योजना में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के कारणों की तलाश के लिए जयपुर अक्षय ऊर्जा विभाग के अधिकारी शुक्रवार को नागौर पहुंचे। यहां पर बैठक में किसान तो नहीं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधि के तौर शामिल हुए लोगों से बातचीत में पता चला कि बैंक इसमें वित्तीय मदद नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में नगरपरिषद में अक्षय ऊर्जा व डिस्कॉम के अधिकारियों के साथ हुई कार्यशाला में बैंक प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इसमें अक्षय ऊर्जा विभाग के तकनीकी प्रबन्धक राजेश अवस्थी ने बैंक अधिकारियों से कहा कि कि यह योजना किसानों के साथ ही कृषि एवं औद्योगिक परिस्थितियों को अनुकूल करने के लिए बनी है। इसमें किसानों को अधिकाधिक सहायता दी जानी चाहिए। प्रावधान के तहत अब बिना कॉल लेकर के भी लागत का 30 प्रतिशत मोडगेज लेकर शेष राशि वित्तीय ऋण के रूप में वह स्वीकृत कर सकते हैं। कार्यशाला में यह भी कहा गया कि लागत का 80 से 90 प्रतिशत की राशि बतौर ऋण मिलनी चाहिए। ताकी अधिकाधिक किसान इसको लगाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। इस पर अक्षय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह इसके लिए भी अपने स्तर पर प्रयास करेंगे। अक्षय ऊर्जा विभाग तकनीकी प्रबंधक अशोक राव ने कहा कि प्रदेश में अब वर्तमान में कम्पोनेन्ट ए के तहत 33 मेगावाट क्षमता के 27 संयत्र स्थापित कराए जा चुके हैं। इनमें से 205 मेगावाट के नागौर जिले में दो संयन्त्र स्थापित हुए हैं। तो कुल 50 हुए थे। अन्य आवेदनों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही उनको भी स्वीकृत कराने के लिए कोशिशें की जा रही है। विभाग का उद़देश्य है कि काश्तकारों को इसका अधिकाधिक लाभ देना है। तकनीकी प्रबन्धक प्रशांत सैन ने कहा कि बैंकिंग अधिकारी इस संबंध में बैंक आने वाले काश्तकारों को हरसंभव सहयोग प्रदान करने का प्रयास करें। कार्यशाला में डिस्कॉम के अधिकारी भी शामिल हुए थे।
फोटो. नागौर. अक्षय ऊर्जा विभाग की ओर से नगरपरिषद में शुक्रवार को कार्यशाला में मौजूद अधिकारी