विद्यार्थी जीवन के अनुभव बांटे
यहां पर गरीब बच्चों के साथ जन्मोत्सव मनाया। इस मौके पर दीप्ति ने बच्चों के साथ अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव बांटे। उन्होंने बताया कि बेहद मुश्किल हालातों में उन्होंने भी पढ़ाई की, और शारदा बाल निकेतन की ओर से संचालित विद्यालय में अध्ययन भी किया है। बच्चों से कहा कि वह दुनिया के अमीर बच्चों में हैं। वह किसी भी दृष्टि से खुद को कमतर न समझे। इस दौरान बच्चों की बौद्धिक परीक्षा भी ली गई। जिसमें बच्चे उत्तीर्ण हुए। इस दौरान बच्चों को कापियां, पेंसिल आदि का उपहार दिया गया। इस मौके पर मौजूद आचार्य लक्ष्मीकांत बोहरा ने बच्चों की पढ़ाई से संबंधित विषय पर संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। इस दौरान विजय गोरा, वंदना जयपाल एवं दिव्यांशी जयपाल आदि मौजूद थे।Nagaur patrika latest news
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धर्म के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए
नागौर. चौरडिय़ा समता साधना भवन में साधुमार्गी धर्मेश मुनि एवं गौतम मुनि आदि 4 का चातुर्मास सुराणा की छोटी पोल में मोक्ष प्राप्त किए जाने के मार्ग बताए गए। प्रवचन में अध्यक्ष रिखबचंद नाहटा ने बताया कि धर्म के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, लेकिन ईष्र्या भाव नहीं होना चाहिए यह आजीवन को पतन की ओर ले जाती है। किसी के देखा देखी नहीं होनी चाहिए सहज भाव से जितना हो सके करने का प्रयास होना चाहिए। सामायिक आवश्यक सूत्र के संदर्भ में बताया कि गलती करके उसकी आलोचना नहीं करें। धर्म के क्षेत्र में प्रमाद नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को अपने जीवन काल में प्रसाद करते रहना चाहिए। अंतर अतिक्रमण का प्रतिक्रमण होना चाहिए। इसमें कमल चंद सुराणा, चंद सुराणा,प्रदीप लालवानी, प्रदीप संकलेचा,करण नवानी विमल चंदनाडा फतेह चंदानी आदि मौजूद थे
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सामायिक के छह सूत्रों का पालन करना चाहिए
नागौर. जैन समाज के साधुमार्गी संघ की ओर से चौरडिय़ा समता साधना भवन में चल रहे चातुर्मास कार्यक्रम में धर्मेश मुनि ने प्रतिक्रमण के बारे में समझाया।
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प्रतिक्रमण
प्रतिक्रमण के दौरान इससे जुड़े विषयों पर ध्यान दिए जाने के साथ ही सैद्धांतिक रूप से ही आत्मसात करने पर बल दिया। इनमें प्रतिक्रमण, कब, कहां, कैसे करे, और इसके स्थान चयन आदि के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि सामायिक के छह आवश्यक सूत्र बताए गए हैं। यदि कोई भी व्यक्ति इन सूत्रों के आधार पर सामायिक मन, वचन, काया से शुद्धतापूर्वक करने वाला मोक्ष का अधिकारी बन जाता है। अपने पापों को स्मृति में लाते हुए प्रतिक्रमण करना चाहिए। अध्यक्ष रिखबचंद नाहटा ने बताया कि धर्म ज्योति के चौथे सप्ताह का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। इस मौके पर विविध धार्मिक कार्यक्रम हुए।