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जब चाहे कर सकेंगे सिंचाई, नहीं आएगा फिर बिल

locationनागौरPublished: May 29, 2018 11:23:05 am

Submitted by:

Sharad Shukla

फसलों की सिंचाई के दौरान अचानक बिजली चले जाने के संकट से परेशान काश्तकारों के लिए खुशखबरी है। सोलर पम्प लगाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

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नागौर. सोलर पम्प लगाने के लिए उन्हें कृषि विभाग की ओर से 60-75 प्रतिशत तक अनुदान भी दिलाया जाएगा। इस संबंध में सहायक कृषि अधिकारियों व पर्यवेक्षकों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिजली के प्रति काश्तकारों की निर्भरता की समस्या समाप्त होने की स्थिति में निश्चित रूप से उत्पादन पर भी बेहतर असर पड़ेगा। सोलर पम्प लगाकर इस समस्या से छुटकारा पाने वाले काश्तकारों की संख्या अब तक 144 हो चुकी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सिंचाई के दौरान अक्सर बिजली चले जाने या फिर इसकी आपूर्ति देर से होने पर काश्तकारों को पूरी रात जागना पड़ता है। इसमें अक्सर उसे निराशा का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से न केवल खेत के उपज उत्पादन प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, बल्कि काश्तकार खुद ही अव्यवस्थित हो जाता है। किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्हें सोलर पम्पों से लैस कराकर बिजली के प्रति निर्भरता को खत्म करने का जिम्मा कृषि विभाग के उद्यानिकी शाखा को सौंपा गया है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की ओर से इस संबंध में दो दिन पूर्व ही बैठक में काश्तकारों को आवेदन की जानकारी सहित इसके लगाने पर होने वाले लाभ के बारे में समझाने के निर्देश पंचायतवार कृषि पर्यवेक्षकों को दिए गए हैं। किसानों के साथ बैठकें आदि कर इसकी पूरी जानकारी दिए जाने के साथ साप्ताहिक रिपोर्ट भी मांगी गई है। ताकी विभाग को यह पता चल सके कि किसानों तक यह जानकारी उनके विभाग के कर्मियों की ओर से पहुंचाई जा रही है कि नहीं।
यह कर सकते हैं आवेदन
पांच या तीन एचपी का सोलर पम्प लगाने के लिए कृषक के पास कम से कम 0.5 हेक्टर जमीन होने के साथ ही सिंचाई के लिए डिप या मिनी स्प्रिकलर से सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए। हाई तकनीक पाली हाउस या शेडनेट हाउस होने की स्थिति में ही आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए कृषि विभाग से संपर्क करने के साथ ही ईमित्र से आनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। किसानों की ओर से कृषि कनेक्शन समर्पित करने की स्थिति में उन्हें लागत का कुल 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा अन्य को केवल 60 प्रतिशत ही अनुदान मिलेगा। तीन एचपी पर लगभग एक लाख व पांच एचपी पर डेढ़ लाख का व्यय काश्तकार को वहन करना पड़ेगा।
किसानों को यह मिलेगा फायदा
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तीन एचपी या पांच एचपी का किसान आवश्यकतानुसार सोलर पम्प लगाने के बाद न केवल बिजली बिल की समस्या से मुक्त हो जाएंगे, बल्कि यथासमय सिंचाई के दौरान विद्युत अनापूर्ति का संकट भी नहीं रहेगा। किसी भी प्रकार की इसमें खराबी आने की स्थिति में पांच साल की गारंटी-वारंटी अवधि का लाभ भी इन्हें दिया जाएगा। लागत का उन्हें केवल 25 या फिर 40 प्रतिशत व्यय ही वहन करना पड़ेगा। सतही जलस्रोत, डिग्गी, जलहौज के लिए तीन एचपी व 100 मीटर तक की अधिकतम गहराई वाले भूमिगत जलस्रोत होने की स्थिति में पांच एचपी तक का पम्प लगा सकता है। पांच एचपी से भी ज्यादा का सोलर पम्प काश्तकार चाहे तो लगा सकता है, लेकिन अनुदान उसे पांच एचपी का ही दिया जाएगा।
इनका कहना है…
जिले में कुल 62 सोलर पम्प लगाने के लक्ष्य का जिम्मा विभाग को मिला है। इसमें किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
रवीन्द्र रियाड़, कृषि अधिकारी, उद्यानिकी कृ षि विभाग नागौर

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