कहां से आती है सामग्री
बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध खनन में खास बात यह है कि खननकर्ताओं के पास विस्फोट सामग्री कहां से पहुंच रहे हैं। यह जांच का विषय है। खदानों में सुरंग बनाकर बारूद का विस्फोट करने से ग्रामीण दहशत में हैं। सडक़ मार्गों के समीप विस्फोटक से कभी बड़ा हादसा हो सकता है। यहां पास के मार्ग से अनेक ग्रामीण गुजरते हैं। अवैध खननकर्ताओं के ब्लॉस्ट करने का समय भी निर्धारित नहीं है। खदानों पर खुले में विस्फोटक सामग्री पड़ी रहती है लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता। कभी कभार उच्च स्तर पर शिकायत होने पर विस्फोटक सामग्री पकड़ी जाती है, लेकिन पुलिस ने इसकी तह में जाने का कभी प्रयास नहीं किया कि आखिर यह विस्फोटक सामग्री कहां से आई है।
भारी मात्रा में देखे जाते हैं संसाधन
अवैध खनन का रकबा बढऩे के साथ ही खननकर्ताओं के पास संसाधन भी बढ़ रहे हैं। जेसीबी मशीने, एलएनटी, कम्प्रेशर मशीनें सहित अनेक संसाधन गांवों में बड़ी तादाद में नजर आने लगे हैं। इन्हें जब्त करने के बाद पुलिस औपचारिकता पूरी कर छोड़ देती है। इससे खननकत्र्ताओं के हौंसले बुलन्द है।
हम कुछ नहीं कर सकते
विस्फोटक सामग्री अवैध खननकर्ताओं के पास कहां से आ रही है यह हम नहीं बता सकते। विस्फोटक सामग्री की आवक के बारे में पुलिस जिम्मेदार है। पुलिस को गम्भीरता से पता करना चाहिए विस्फोटक आखिर कहां से आ रहा है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।
सोहनराम रैगर, खनिज अभियन्ता नागौर
दबिशें दी पर मिले नहीं
अवैध खनन को लेकर हमने कई जगह दबिशें दी, मगर कोई नहीं मिला। अवैध विस्फोटक सामग्री पकडऩे के लिए पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई की जाएगी।
हरलाल मीणा, थानाधिकारी खींवसर