scriptवेतन लेंगे हर माह लाखों, स्कूल में पढ़ाएंगे भी नहीं…! | Will take salary every month, will not teach in school ... | Patrika News

वेतन लेंगे हर माह लाखों, स्कूल में पढ़ाएंगे भी नहीं…!

locationनागौरPublished: Aug 20, 2018 11:41:14 am

Submitted by:

Sharad Shukla

शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से जिला मुख्यालय के नोडल विद्यालय को नहीं मिला फाइव स्टार का दर्जा

Nagaur patrika

Now ask the children whether Guruji gave or not …

शरद शुक्ला-नागौर. शिक्षकों की भारी-भरकम फौज और हर माह लाखों का वेतन। इसके बाद भी शैक्षणिक गुणवत्ता औसत। यह हालात हैं जिला मुख्यालय पर स्थापित बड़े कहलाने वाले माध्यमिक-उच्च माध्यमिक नोडल विद्यालय सहित अन्य विद्यालयों की। ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों ने जिला मुख्यालय के स्कूलों को प्रत्येक क्षेत्र में पछाड़ते हुए अपनी श्रेष्ठता भी सिद्ध कर दी है। मुख्यालय पर स्थापित महज एक स्कूल ही फाइव स्टार में शामिल हो पाया, अन्य स्कूलों में नोडल की स्थिति आंकड़ों में औसत दर्जे की रह गई है। जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से जीएसएसएस रोहिणी, बासनी,कालड़ी, कुम्हाड़ी, हनुमाननगर, अमरपुरा, भदवासी, गांगवा, राठौड़ी कुआं नागौर, सिनोद, सादोकन, मीण्डा, चौसला आदि विद्यालयों को फाइव स्टार का दर्जा मिल गया है। हैरत की बात यह कि जिला मुख्यालय का नोडल सेठ किशनलाल कांकरिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का इस सूची में नाम तक नहीं दर्ज नहीं करा पाया। जबकि यहां पर चार दर्जन दर्जन वरिष्ठ शिक्षकों सहित अन्य स्टॉफ की फौज पर सरकार प्रतिमाह लाखों व्यय कर रही है। नोडल विद्यालय के संस्था प्रधान का अकेले खुद का वेतन करीब एक लाख से ज्यादा है, अन्य शिक्षकों का वेतन भी 50-60 हजार से ज्यादा का है। इस तरह से दो दर्जन से अधिक स्टॉफ में केवल इसी विद्यालय का वेतन ही लाखों में पहुंच जाता है। इसके बाद भी यह विद्यालय न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता एवं स्कूलों के परिवेश सहित अन्य दृष्टियों से ग्रामीण क्षेत्र में समस्याओं से जूझते विद्यालयों में तुलनात्मक रूप से फिसड्डी साबित हुआ। इसी श्रेणी में रतन बहन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भी शामिल है। यहां पर भी शिक्षकों एवं अन्य स्टॉफ सहित करीब तीन दर्जन से अधिक के वेतन पर ही सरकार प्रतिमाह लाखों की राशि का व्यय वहन करती है। लाखों की राशि उठाने वाले शिक्षिकाओं के होने के बाद भी शैक्षणिक दृष्ठि से यह विद्यालय भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों से न केवल औसत दर्जे का साबित हुआ, बल्कि फाइव स्टार का दर्जा तक भी इसको नहीं मिल पाया। यहां पर भी संस्था प्रधान का वेतन एक लाख से ज्यादा और अन्य शिक्षिकाओं का वेतन पचास-साठ हजार से ज्यादा है। इसके बाद भी इस विद्यालय का शैक्षिक दृष्टि से औसत दर्जे में शामिल होना समझ से परे रहा।
जिलेवार विद्यालयों की स्थिति
ब्लॉक थ्री स्टार फोर स्टार फाइव स्टार
डीडवाना 6 18 22
डेगाना 12 26 21
जायल 11 16 23
खींवसर 12 13 15
कुचामन 5 20 24
लाडनू 10 23 13
मकराना 11 30 13
मेड़तासिटी 8 29 13
मौलासर 8 18 9
मूण्डवा 12 9 20
नागौर 7 21 19
नावां 11 16 7
परबतसर 5 21 15
रियां 6 18 13
यह है स्थिति
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिला मुख्यालय पर स्थापित नोडल एवं बालिका विद्यालय की शैक्षणिक स्थिति ने पूरे जिले को शर्मसार कर दिया। नागौर ब्लॉक न केवल चौथे पायदान पर चला गया, बल्कि फाइव स्टार का दर्जा नहीं मिल पाने के कारण पूरे जिले की शैक्षणिक प्रतिष्ठा की तस्वीर भी धूमिल कर दी। जिले की कुल 124 स्कूलों को थ्री स्टार, 278 को फोर स्टार तथा कुल 227 को फाइव स्टार का दर्जा मिला, लेकिन इनमें से जिला मुख्यालय की स्थिति बेहद ही औसत दर्जे की हो कर रह गई।
कम वेतन वालों ने सरकारी शिक्षकों को पछाड़ा
फाइव स्टार का दर्जा महज जिला मुख्यालय के स्कूलों में केवल राठौड़ी कुआं विद्यालय को ही मिल पाया। अन्य स्कूलों की स्थिति कमतर होने पर लोगों से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों का वेतन राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों की अपेक्षा अत्याधिक कम होने के के बाद भी बोर्ड परीक्षा के परिणामों में राजकीय पर भारी पड़ जाते हैं। आखिरकार राजकीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों में प्रति शिक्षक वेतन का आकलन किए जाने पर निजी विद्यालयों का वेतन औसत दर्जे का ही रहता है। इसके बाद भी इनके विद्यालयों के परिणाम भी राजकीय शिक्षकों से बेहतर रहते हैं।
इनका कहना
&शैक्षणिक दृष्टि से जिला मुख्यालय की स्थिति बेहद ही कमजोर रही। फाइव स्टार की श्रेणी में महज राठोड़ी कुआं की स्कूल ही शामिल हो सकी। मुख्यालय की अन्य स्कूलों की स्थिति शैक्षिक दृष्टि से कमजोर होने के कारण वह फाइव स्टार में शामिल नहीं हो सकी। जिले में कुल 227 स्कूलों को फाइव स्टार का दर्जा मिला है।
ब्रह्माराम चौधरी, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक प्रथम, नागौर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो