इस मौके पर अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी प्रदीप नरवाल, भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान राहुल चौधरी, अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर, शूटर दादी चन्द्रो तोमर, माउंट एवरेस्ट विजेता आशा झाझडिय़ा, बायतु विधायक कैलाश चौधरी, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष दुर्गाराम चोयल, आरएसएस के बीकानेर विभाग प्रचारक अमरसिंह ने विजेता टीम को ट्रॉफी व 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार तथा उपविजेता टीम को ट्रॉफी व २१ हजार का नकद पुरस्कार प्रदान किया। इसके अलावा अनेक खिलाडिय़ों को श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किया गया। इस दौरान रामसुख ओगरा, रामस्वरूप डारा, हरीश चौधरी, छोटूराम फरडोलिया, झूंताराम गोदारा, उगमाराम सिंवर, अशोक पंवार, भागीरथ कलवानिया, घींसाराम धेतरवाल ने मैच रैफरी की भूमिका निभाई।
संयोजक डॉ. सोहन चौधरी व प्रभारी रामाकिशन खीचड़ ने बताया कि कार्यक्रम में विहिन के प्रांत प्रचारक ईश्वर, पूर्व विधायक भंवराराम सूपका, आदर्श जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी, आरएसएस के जिला कार्यवाह नारायण प्रसाद टाक, शेखावाटी स्कूल के निदेशक बी. एल. रणवा, महाराजा सूरजमल जाट महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष ज्ञानाराम रणवां, डीडवाना प्रधान गुलाराम ढाका, सरपंच संघ प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल जानू, नागौर जिला कोच भंवरलाल सियाग, नागौर कबड्डी संघ के जिलाध्यक्ष गोविन्द कड़वा, भाजपा नेता देवाराम पटेल विशिष्ट अतिथि थे।
संयोजक डॉ. सोहन चौधरी व प्रभारी रामाकिशन खीचड़ ने बताया कि कार्यक्रम में विहिन के प्रांत प्रचारक ईश्वर, पूर्व विधायक भंवराराम सूपका, आदर्श जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी, आरएसएस के जिला कार्यवाह नारायण प्रसाद टाक, शेखावाटी स्कूल के निदेशक बी. एल. रणवा, महाराजा सूरजमल जाट महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष ज्ञानाराम रणवां, डीडवाना प्रधान गुलाराम ढाका, सरपंच संघ प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल जानू, नागौर जिला कोच भंवरलाल सियाग, नागौर कबड्डी संघ के जिलाध्यक्ष गोविन्द कड़वा, भाजपा नेता देवाराम पटेल विशिष्ट अतिथि थे।
संस्कृति से जुड़ी है कबड्डी
इस मौके पर मुख्य अतिथि बायतु विधायक कैलाश चौधरी ने कहा कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है। युवाओं को भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ समय खेल के लिए निकालना चाहिए। जबकि अध्यक्षता कर रहे दुर्गाराम चोयल ने कहा कि खेलों में हार-जीत होती रहती है। इसलिए हारने वाली टीम को अगली बार अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। वहीं विजेता टीम को अपना प्रदर्शन निरंतर बरकरार रखना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आरएसएस के बीकानेर विभाग प्रचारक अमरसिंह ने कहा कि कबड्डी ग्रामीण भारत का खेल है। यह खेल भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो सदियों से खेला जाता रहा है। ऐसे खेलों को बढ़ावा मिलना समय की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पारम्परिक खेलों से दूर होते जा रहे हैं।
इस मौके पर मुख्य अतिथि बायतु विधायक कैलाश चौधरी ने कहा कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है। युवाओं को भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ समय खेल के लिए निकालना चाहिए। जबकि अध्यक्षता कर रहे दुर्गाराम चोयल ने कहा कि खेलों में हार-जीत होती रहती है। इसलिए हारने वाली टीम को अगली बार अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। वहीं विजेता टीम को अपना प्रदर्शन निरंतर बरकरार रखना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आरएसएस के बीकानेर विभाग प्रचारक अमरसिंह ने कहा कि कबड्डी ग्रामीण भारत का खेल है। यह खेल भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो सदियों से खेला जाता रहा है। ऐसे खेलों को बढ़ावा मिलना समय की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पारम्परिक खेलों से दूर होते जा रहे हैं।
कबड्डी को करें प्रोत्साहित
इस मौके पर अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी प्रदीप नरवाल ने कहा कि कबड्डी में समूचे विश्व में भारत का दबदबा है। यह भारतीय खिलाडिय़ों की मेहनत का ही परिणाम है। इसलिए युवाओं को इस खेल को अपनाकर कड़ी मेहनत कर आगे बढऩे का प्रयास करना चाहिए। जबकि भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान राहुल चौधरी ने कहा कि वर्तमान में युवा क्रिकेट जैसे खेलों के प्रति आकर्षित है। जबकि कबड्डी हमारा पारम्परिक खेल हैं। युवाओं को कबड्डी से जोडऩे के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं अच्छा प्रयास है। शूटर दादी चन्द्रो तोमर ने कहा कि युवाओं को कभी निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि युवाओं में ऊर्जा का अपार भंडार है। उन्होंने कहा कि जब मैं 65 साल की होकर शूट कर सकती हूं, तो भारत के युवा भी ऊर्जावान और प्रतिभावान है। जबकि एवरेस्ट विजेता आशा झाझडिय़ा ने कहा कि मंजिलों को पाने के लिए हौसला व आत्मविश्वास आवश्यक है।
इस मौके पर अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी प्रदीप नरवाल ने कहा कि कबड्डी में समूचे विश्व में भारत का दबदबा है। यह भारतीय खिलाडिय़ों की मेहनत का ही परिणाम है। इसलिए युवाओं को इस खेल को अपनाकर कड़ी मेहनत कर आगे बढऩे का प्रयास करना चाहिए। जबकि भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान राहुल चौधरी ने कहा कि वर्तमान में युवा क्रिकेट जैसे खेलों के प्रति आकर्षित है। जबकि कबड्डी हमारा पारम्परिक खेल हैं। युवाओं को कबड्डी से जोडऩे के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं अच्छा प्रयास है। शूटर दादी चन्द्रो तोमर ने कहा कि युवाओं को कभी निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि युवाओं में ऊर्जा का अपार भंडार है। उन्होंने कहा कि जब मैं 65 साल की होकर शूट कर सकती हूं, तो भारत के युवा भी ऊर्जावान और प्रतिभावान है। जबकि एवरेस्ट विजेता आशा झाझडिय़ा ने कहा कि मंजिलों को पाने के लिए हौसला व आत्मविश्वास आवश्यक है।