इसलिए भरे गए नामांकन
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में नेता खुद ही एक रणनीति के तहत अपने नजदीकी रिश्तेदारों के नामांकन दाखिल करवाते हैं, ताकि कभी ऐसी कोई परिस्थिति बने कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ पाएं तो पत्नी, बेटे, भाई जैसे नजदीकी रिश्तेदारों को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़वा सके।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में नेता खुद ही एक रणनीति के तहत अपने नजदीकी रिश्तेदारों के नामांकन दाखिल करवाते हैं, ताकि कभी ऐसी कोई परिस्थिति बने कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ पाएं तो पत्नी, बेटे, भाई जैसे नजदीकी रिश्तेदारों को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़वा सके।
कारगर हुआ मिर्धा का कदम
अपने रिश्तेदारों के नामांकन दाखिल कराने की रणनीति नागौर जिले की डेगाना सीट पर कारगर साबित हुई। यहां ऐन वक्त से पहले तक कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नहीं होने से रिछपाल सिंह मिर्धा और उनके पुत्र विजयपाल ने नामांकन दाखिल कर दिया। ऐन वक्त पर कांग्रेस ने रिछपाल को टिकट नहीं देकर उनके पुत्र विजयपाल को टिकट थमा दिया। बाद में खुद रिछपाल ने अपना नामांकन वापस
ले लिया।
अपने रिश्तेदारों के नामांकन दाखिल कराने की रणनीति नागौर जिले की डेगाना सीट पर कारगर साबित हुई। यहां ऐन वक्त से पहले तक कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नहीं होने से रिछपाल सिंह मिर्धा और उनके पुत्र विजयपाल ने नामांकन दाखिल कर दिया। ऐन वक्त पर कांग्रेस ने रिछपाल को टिकट नहीं देकर उनके पुत्र विजयपाल को टिकट थमा दिया। बाद में खुद रिछपाल ने अपना नामांकन वापस
ले लिया।