—- सरकार महिला सशक्तीकरण की बात करती है पर काफी खेद की बात है कि कुचामन शहर के मुख्य बाजारों में महिलाओं के लिए आज तक एक सुलभ शौचालय या टॉयलेट नहीं बनवाया जा सका। जो महिलाओं की उन्मुक्तता में बाधक सिद्ध हो रहा है। इसे दूर करने की आवश्यकता है। कुचामन शहर में हजारों की संख्या में बालिकाएं विद्यालयों व कोचिंगों में भी पढ़ाई करने के लिए भी आती है। उन्हें भी काफी परेशानी होती है।
सुशीला चौहान, समाजसेविका, कुचामन सिटी —- शहर के बाजारों में प्रतिदिन हजारों संख्या में महिलाएं खरीदारी करने तथा विभिन्न कार्यों के लिए आती है, लेकिन टॉयलेट की आवश्यकता महसूस होने पर काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। विवश होकर खुले में टॉयलेट करने को मजबूर हो जाती है। महिलाओं की जरूरत को देखते हुए शहर के मुख्य बाजारों में टॉयलेट्स का निर्माण होने चाहिए।
हेमा गट्टाणी, दुकान संचालिका, कुचामन सिटी —- महिलाएं जब बाजारों में जाती हैं और उन्हें लघुशंका लगती है तो उन्हें मजबूरी में शर्मसार होकर खुले में ही लघुशंका करने को मजबूर होना पड़ता है। इस विषम समस्या के समाधान की आवाज कोई नहीं उठा रहा है। बाहर से आने वाली महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। सब्जी बेच रही महिलाओं को गलियों में टॉयलेट के लिए जाना पड़ता है।
राम कंवरी, सब्जी विक्रेता, कुचामन सिटी —- एक तरफ केन्द्र सरकार खुले में शौच न करने की हिदायत देकर गांवों व शहरों में शौचालयों का निर्माण करा रही है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा नगरी जैसे कुचामन शहर में महिलाओं की समस्या के समाधान के लिए टॉयलेट तक नहीं है। टॉयलेट के लिए काफी शर्मिदंगी महसूस करनी पड़ती है। शहर के जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार भी महिलाओं का दर्द नहीं समझ रहे हैं।
नाथी देवी, सब्जी विक्रेता, कुचामन सिटी —- जगह चिह्नित करने के लिए दिए निर्देश कुचामन शहर में महिलाओं के लिए टॉयलेट्स को लेकर नगरपरिषद के आयुक्त से बातचीत की है। टॉयलेट के लिए आयुक्त को जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। जगह चिह्नित होने के बाद जल्द ही कुचामन शहर में महिलाओं के लिए सुविधायुक्त सुलभ शौचालय बनवाए जाएंगे।
सुनील कुमार, उपखण्ड अधिकारी, कुचामन सिटी