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महिलाओं ने बता दिया कि हम किसी से कम नहीं

locationनागौरPublished: Nov 13, 2017 05:45:16 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

नागौर के पशु प्रर्दशनी स्थल पर आयोजित जिला स्तरीय अमृता हॉट में महिला उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा करने के साथ कहा कि इस आयोजन से उन्हेंआगे बढऩे

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Nagaur,Mancasan guests present at the closing ceremony of 5-day Amrita Hot by Women Empowerment and Municipal Council

नागौर. महिला अधिकारिता एवं नगरपरिषद की ओर से पशु प्रर्दशनी स्थल पर आयोजित पांच दिवसीय अमृता हाट का रविवार को समापन हो गया। इसमें बतौर दुकानदार नागौर सहित, जोधपुर व अन्य जिलों से आई महिला स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने मंच पर अपने अनुभव साझा किए। महिलाओं का कहना था कि विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए गए इस मंच ने महिलाओं को व्यापारिक समझ दी है, वहीं पहले से व्यवसायरत महिलाओं को भी नया अनुभव मिला है। इससे निश्चित रूप से महिलाओं के सशक्तीकरण को नई दिशा के साथ बल मिलेगा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के स्वालम्बी होने पर ही देश का समग्र विकास हो सकता है। अमृता हाट में जोधपुर, गोगेलाव, कुचामन सहित स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने हिस्सा लिया। मार्बल की मूर्तियां, अचार, पापड़, साडिय़ा, दस्तकारी एवं हैंडीक्राफ्ट के नक्काशीदार कलात्मक सामानों का महिलाओं ने विक्रय किया। विशेष बात यह ही मेले में सभी दुकानों में दुकानदार केवल महिलाएं ही थीं। महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक अनुराधा सक्सेना ने बताया कि जोधपुर से आई गणेश महिला स्वंय सहायता समूह की अनुराधा वैष्णव एवं लक्ष्मी ने अचार एवं पापड़ की तकरीबन ५५ हजार से अधिक की बिक्री की। नागौर की सुमन, मनसुखी एवं कौशल्या ने भी अच्छा व्यापार किया। महिलाओं ने इस मंच को महिलाओं के लिए नई दिशा एवं शक्ति देने का सशक्त माध्यम बताया। उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
प्रतिभा को सराहा
मेला समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिशक आर. एस. सोनवाल ने कहा कि मेले में शामिल महिलाएं निश्चित रूप से प्रतिभा की धनी हैं। यह मेला तो उन्हें केवल प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयोजित किया गया था। महिलाएं सभी कार्य सफलतापूर्वक कर सकती हैं। विभाग की सहायक निदेशक अनुराधा सक्सेना ने कहा कि निश्चित रूप से पहली बार बतौर दुकानदार इसमें शामिल हुई महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। इस दौरान महिलाओं को रोजगारपरक अन्य उद्योगों के बारे में भी जानकारी दी गई। अमृता हाट में रियाबड़ी के सथाना खुर्द गांव से आई १८ वर्षीय प्रीती राठौड़ ने माचिस की तीलियों से कई प्रकार का सामान बनाकर मेले में बेचा। मेले में पहुंचे खरीदार भी तीलियों से बने सामान को देखकर उसकी प्रतिभा से अभिभूत नजर आए। स्नातक की पढ़ाई कर रही प्रीति का कहना था कि अध्ययन के दौरान तीलियों से सामान बनाना उसने एक शिविर में सीखा था। अब वह इसमें पारंगत हो गई है। सामानों की कीमत १५० रुपए से लेकर मांग के अनुरूप हजारों रुपए तक होती है।
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