हाथ से निकल सकती है सीट
नागौर जिले की दस विधानसभा सीटों में से नौ पर भाजपा व एक पर निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस को मकराना के बोरावड़, चावण्डिया, भरनाई, संबलपुर, मेड़ता के धोलेराव कलां आदि बूथ पर एक हजार से ज्यादा मत मिले। भाजपा को नागौर के बासनी बेलिमा, डीडवाना के केराप, मकराना के गच्छीपुरा व चाण्डी में भी अच्छे मत मिले। इसी प्रकार खींवसर से निर्दलीय विधायक को बूथ नम्बर 90 पर सर्वाधिक मत मिले। कांगे्रस खुद को अचछी स्थिति में मान रही है वहीं भाजपा के लिए पिछले चुनाव में मिले वोटों को बरकरार रखने की चुनौती है। लोगों का कहना है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के चलते भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
विरोध का सामना कर रहे विधायक
भाजपा को नागौर के बासनी बेलिमा बूथ में सर्वाधिक वोट मिले और मौजूदा विधायक भी इसी क्षेत्र से आते हैं तथा उनका क्षेत्र से जुड़ाव भी है। इसके अलावा डीडवाना के केराप व मकराना के गच्छीपुरा व चाण्डी बूथ पर भी अच्छे मत मिले। मकराना क्षेत्र के पांच मतदान केन्द्रों के अलावा नावां व मेड़ता क्षेत्र की एक-एक बूथ पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा के चलते ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केन्द्रों पर भाजपा को पसीना बहाना पड़ सकता है वहीं कांग्रेस को भी अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में काम नहीं होने के चलते मौजूदा विधायकों को कई जगह ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।