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यहां पर अब कभी नहीं दिखेंगे आपको जंगलों के जानवर….

locationनागौरPublished: Dec 13, 2019 12:30:36 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur patrika latest news. नगरपरिषद के नेहरू उद्यान के आरोग्य वाटिका में रह रहे हरिण गुरुवार को वन विभाग को सौंप दिया गया. Nagaur patrika latest news

You will never see animals of the forest here ...

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Nagaur patrika latest news. नागौर. नगरपरिषद के नेहरू उद्यान के आरोग्य वाटिका में रह रहे हरिण गुरुवार को वन विभाग को सौंप दिया गया। वन विभाग की ओर से हरिणों को अपनी कस्टडी में लेकर उनको कंजर्वेशन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। अब यहां पर वन जीवों में एमू को वन विभाग की ओर से जोधपुर के चिडिय़ाघर में जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा।
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नेहरू उद्यान के आरोग्य वाटिका में तकरीबन दस सालों से रह रहे हरिण, एमू एवं पक्षियों को रखे जाने की शिकायत किसी ने वन मंत्रालय को कर दी थी। इस पन वन मंत्रालय की ओर से नागौर में वन विभाग को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। निर्देश मिलने पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो यहां पर हरिण, एमू एवं रंगीन पक्षी व कबूतर आदि मिले। वन विभाग के अधिकारियों ने नगरपरिषद आयुक्त जोधाराम बिश्नोई से इस संबंध में बातचीत कर जानकारी दी।
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उन्हें बताया गया कि न पशुओं को नगरपरिषद कानूनी तौर पर नहीं रख सकता है। इस पर आयुक्त बिश्नोई ने बताया कि उनके कार्यकाल के पहले से ही संचालित है। इसमें तो घायल पक्षियों आदि की चिकित्सा कर उनको छोड़ दिया जाता है। अधिकरियों का कहना है कि नगरपरिषद बिना अनुमति के रेस्क्यू सेंटर भी संचालित नहीं कर सकता है। इसके बाद परिषद की ओर से आरोग्य वाटिका में रह रहे हरिणों को आदि को वन विभाग को सौंपे जाने की सहमति दे दी गई। वन विभाग के अधिकारी गुरुवार को पहुंचे और हरिणों के चिकित्सकीय परीक्षण के पश्चात अपने अधिकार में ले लिया। बाद में इन हरिणों को कंजर्वेशन क्षेत्र में छोडऩे की कार्रवाई की गई।
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इनको भी हटाया जाएगा
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एमू को रखे जाने की फिलहाल को सुव्यवस्थित स्थान तो नहीं है, लेकिन इसको अब जल्द ही जोधपुर के चिडिय़ाघर में भेज दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यहां पर रह रहे पक्षियों को भी खुले आसमान में में छोड़ा जाएगा।
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आरोग्य वाटिका में अब नहीं नजर आएंगे हरिण
लगभग दस सालों से रह रहे हरिण अब नेहरू उद्यान में नहीं नजर आएंगे। पार्क में घूमने के दौरान वन जीवों को निहारने का मौका नहीं मिलेगा। वन विभाग की ओर से सारे हरिण यहां से हटा दिए गए हैं। पार्क में आने वालों के लिए अब तक आकर्षण का केन्द्र बने रहने वाले इन वन जीवों का स्थान भी गुरुवार से सूना हो गया।
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इनका कहना है…
वहां पर चिडिय़ाघर नहीं, बल्कि रेस्क्यू सेंटर के तर्ज पर इसको खोला गय था, लेकिन इसका संचालन भी नगरपरिषद नहीं कर सकती है। रेस्क्यू सेंटर भी कंजर्वेशन क्षेत्र में होता है। विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई कर ली गई है। अब एमू को जल्द ही जोधपुर के चिडिय़ाघर में भेज दिया जाएगा।
ज्ञानचंद, उपवन संरक्षक, वन विभाग नागौर. nagaur patrika latest news
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