नागौरPublished: Jun 25, 2018 11:31:31 pm
Dharmendra gaur
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही मार्ग को सुंदर बनाने के उदेश्य
Makrana News
मकराना. पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही मार्ग को सुंदर बनाने के उदेश्य को लेकर नवयुवकों ने गत दिनों घाटवाले बालाजी मंदिर में जो संकल्प लिया तो उसे पूरा करने मे जुट गए है। उल्लेखनीय है कि मकराना गांगवा मार्ग पर घाटवाले बालाजी नाम सं बालाजी का पुराना एवं ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर में मकराना, गांगवा, दिलढाणी सहित आस पास के ग्रामों से प्रतिदिन काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते है। मंगलवार के दिन तो मंदिर परिसर में मेले का नजारा दिखाई देता है। मंदिर का मार्ग उबड़-खाबड़ तथा कच्चा होने के साथ कही-कही तो मार्ग की चौड़ाई नाम मात्र की होने की वजह से श्रद्धालुओं को मंदिर आने जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस पर क्षेत्र के नवयुवकों ने एकदिन मंदिर परिसर में बैठक का आयोजन कर उक्त मार्ग के सौदर्यकरण का संकल्प लिया था। जिसके तहत सबसे पहले तो इन युवकों ने अंाटवाले बालाजी मंदिर से घाटवाले बालाजी मंदिर तक मार्ग को चौड़ा करने के लिए मार्ग में आने वाले खेत मालिकों से मिलकर निवेदन करते हुए उनसे जमीन की व्यवस्था की। इसके बाद मंदिर में आने वालों सहित अन्य श्रद्धालुओं से धनराशि एकत्रित कर मार्ग को समतल करवाया तथा स्वयं ने श्रमदान करते हुए अपने स्तर पर इस मार्ग पर ग्रेवल सडक़ का निर्माण किया। इसके बाद सांसद सी. आर. चौधरी से मार्ग पर सांसद कोटे से पक्की सडक़ कनाने की गुहार की। सांसद महोदय युवकों के कार्य को देखकर काफी प्रभावित हुए तथा गत दिनों सांसद कोटे से मार्ग पर पक्की सडक़ निर्माण भी करवा दिया। इस पर युवकों में ओर उत्साह जगा तथा उन्होंने आने वाले वर्षा के दिनों में मार्ग के दोनों तरफ नीम सहित अन्य पेड़ लगा सके, इस बात को ध्यान में रखकर कुमावतों की ढाणी से घाटवाले बालाजी मंदिर तक के मार्ग के दोनों तरफ आने वाली कंटीली झांडिय़ों को काट कर मार्ग को ठीक किया, ताकि वहां मार्ग के दोनों तरफ पक्तिबंद्ध रूप से नीम सहित अन्य छायादार पेड़ लगा सके। इससे जहां एक तरफ मार्ग का सौर्दयकरण होगा वही दूसरी तरफ पर्यावरण में भी सुधार आने के साथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा रहेंगी। उक्त जानकारी देते हुए हरेन्द्र चौधरी एवं मातादीन चौधरी ने बताया कि इसमें सत्यनारायण सैनी, आंनदी लाल शर्मा, मातादीन चौधरी, महावीर प्रसाद आंवला, मुकेश कुमार भाकर, अशोक कुमार खिलेरी, राजेश कुमार भाकर, हीरालाल गहलोत, राहुल सारण, सुरेन्द्र कुमार जाखड़, श्यामसुंदर गहलोत, जगदीश प्रसाद कु मावत, सुवालाल कुमावत एवं मनोहर सिंह आदि का विशेष रूप से सहयोग रहा।