इस मौके पर ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी उत्तमसिंह शेखावत को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें उन्होंने मुस्ताक की हत्या की जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में यूपी पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों को संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्हें एफआईआर, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तक नहीं दी गई। ना ही उन्हें घटना की जानकारी दी गई। यही नहीं मृतक का शव बिना किसी पूर्व सूचना गांव लाकर छोड़ दिया गया। जिससे मृतक के परिजन न्याय के लिए भटकने को मजबूर हैं।
थाने भी पहुंचे ग्रामीण
ग्रामीण एकत्रित होकर डीडवाना थाना भी पहुंचे, जहां पुलिस वृत निरीक्षक जितेन्द्र ङ्क्षसह चारण व उप निरीक्षक अब्दुल रहूफ ने ग्रामीणों से समझाइश की। सीआई चारण ने बताया कि यह मामला उत्तर प्रदेश से संबंधित है, जिसका पुलिस थाना करबई में मुकदमा भी दर्ज है और पुलिस आरोपितों की तलाश भी कर रही है। उन्होंने मौके पर ही यूपी पुलिस के जांच अधिकारी से फोन पर बातचीत कर ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिलाया। देर शाम मृतक के शव को दफना दिया गया।
लूटेरों ने कर दी मुस्ताक की हत्या
ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मुस्ताक खां (23) पुत्र नाथू खां कुछ समय पूर्व ही काम के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के ककरबई क्षेत्र गया था। जहां वह बजरी रॉयल्टी के ठेके पर कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था। गत 13 मार्च को तडक़े 3 बजे कैशियर ओमकार सिंह के साथ मुस्ताक कम्पयूटर पर कार्य कर रहा था। इस दौरान वहां सुरक्षा गार्ड रामशंकर सिंह, टैंकर ड्राइवर देवेन्द्र यादव भी मौजूद थे। इसी दौरान अचानक दो बदमाश वहां आए। जिनमें से एक ने गोली चला दी। यह गोली सीधे मुस्ताक खां को लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दूसरा बदमाश उल्टी कुल्हाड़ी से गार्ड व चालक को पीटने लगा, जिससे वे दोनों भी धायल हो गए। इसी दौरान बदमाश वहां बक्से में रखे करीब 15 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए।