जानकारी के अनुसार 26 मई को भदाणा ग्राम विकास अधिकारी प्रतापराम ने सदर थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि भदाणा में मॉडल तालाब मिती नाडा में महानरेगा योजना अन्तर्गत कार्य चल रहा था, जिसका निरीक्षण करने के लिए 25 मई को सुबह साढ़े 11 बजे वह कनिष्ठ तकनिकी सहायक मांगीलाल पोटलिया, कनिष्ठ सहायक रेवन्तराम, पंचायत सहायक अशोक व प्रमिला गए थे। जहां पर मेट जगदीश व प्रिया से मस्टररोल लेकर श्रमिकों की उपस्थिति लेनी शुरू की, इतने में वहां पर श्रमिकों के अलावा अपराधिक घटना को अंजाम देने का षडय़ंत्र रचकर भदाणा निवासी भगवानपुरी पुत्र भंवरपुरी, महेश पुत्र लिखमाराम बाना आए और श्रमिकों की उपस्थिति का विरोध करने लगे और राज कार्य में बाधा पहुंचाई। ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि उन्होंने उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए गाली गलौच की और पथराव शुरू कर दिया। जिस पर उन्होंने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। आरोपियों ने पथराव एवं औजारों से उनकी गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी। प्रतापराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने मारपीट व राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भदाणा निवासी भगवानपुरी पुत्र भंवरपुरी, महेश पुत्र लिखमाराम बाना व राकेश जांगीड़ बुधवार को भदाणा गांव की पानी की टंकी पर चढ़ गए। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को दी, जिस पर सदर थाने के एएसआई रामेश्वर सारस्वत सबसे पहले मौके पर पहुंचे। काफी देर समझाइश के बावजूद युवक जब टंकी से नहीं उतरे तो सदर थानाधिकारी नंदकिशोर वर्मा, नागौर डीएसपी मुकुल शर्मा, एएसपी रामकुमार कस्वां, एसडीएम सुभाषचंद्र चौधरी व सीईओ जवाहर चौधरी मौके पर पहुंचे तथा युवकों से समझाइश कर उन्हें नीचे उतारा तथा उनके द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर मनरेगा कार्यों की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। युवकों ने ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों पर मनरेगा में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया।