नागदाPublished: Jul 10, 2018 12:22:42 am
Lalit Saxena
एक्स-रे, दो डायलिसिस सहित पांच बड़ी मशीनें कैसे होगी संचालित
Government hospital,trouble,nagda,the doctor,
नागदा. नागदा खाचरौद तहसील के सबसे बडे सरकारी अस्पताल में जांच मशीनों की संख्या तो आधा दर्जन के करीब पहुंचने को है, लेकिन इन मशीनों से होने वाली जांच करने व मरीजों का उपचार करने के लिए अस्पताल में केवल दो चिकित्सक मौजूद है। इस बड़ेे अस्पताल में शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से 500 से अधिक मरीज रोजाना पहुंचते है। चिकित्सकों की कमी के चलते इन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के सरकारी अस्पताल में हाल ही में सुविधाएं तो बढ़ी है, लेकिन इन सुविधाओं को विधिवत संचालित करने व मरीजों का उपचार करने के लिए अस्पताल में चिकित्सकों की कमी लंबे समय से बरकरार है। हाल ही मेे अस्पताल परिसर में दो डायलिसिस मशीन, डिजिटल एक्स-रे, सीबीनॉट, बच्चों की केयर यूनिट सहित अन्य मशीने लग चुकी है, लेकिन इन मशीनों को संचालित करने व जांच कर मरीजों को इन मशीनों तक पहुंचाने के लिए अस्पताल में महज दो ही चिकित्सक मौजूद है। ये दो चिकित्सक ही प्रतिदिन 500 से अधिक मरीजों का देखने के साथ ही उनका उपचार भी कर रहे है। मशीनों से काम लेने के लिए अस्पताल में 10 से अधिक चिकित्सकों की आवश्यकता है, लेकिन महज दो चिकित्सक ही इस जिम्मेदारी को निभा रहे है। इधर शहर की आबादी भी 1 लाख के पार हो चुकी है, वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं।
बीएमओ का काम भी इन्हीं के हवाले
वर्तमान में यहांं पर महज दो चिकित्सक है। इनमें से एक डॉ. संजीव कुमरावत के पास बीएमओ का चार्ज भी है। इस कारण अब अस्पताल में इन दोनों को ही 24 घंटे की सेवा देना पड़ रही है। शासन की इस अनियमितता का खामियाजा आम मरीजों को उठाना पड रहा है।
महिला चिकित्सक की कमी
गौरतलब है कि शासकीय अस्पताल में करीब एक वर्ष से अधिक समय से महिला चिकित्स्क की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं की सीजर से होने वाली डिलेवरी नहीं हो पा रही हैै। कुछ समय पूर्व महिला चिकित्स्क आरती जोशी के आने के बाद महिलाओं का उपचार हो रहा है, लेकिन वे भी 2 जुलाई से अवकाश पर है। इन सारी परेशानियों के कारण अस्पताल की व्यवस्था चरमराई सी ही लगती है।
एक टैक्निशियन 300 से अधिक जांचे
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के साथ ही कर्मचारियों का भी बड़ा अभाव है। अस्पताल परिसर में रोजाना जांच के लिए 300 से अधिक मरीज पहुंचते है लेकिन ब्लड यूनिट में जांच के लिए महज एक ही टैक्निशियन होने के कारण यहां भी असुविधा नजर आती है। बुधवार को टीटी ऑपरेशन के लिए महिलाओं को शाम तक इंतजार करना पड़ता है।
ये बात सही है कि अस्पताल में रोजाना 500 से अधिक मरीज पहुंचते है, लेकिन वर्तमान में दो ही चिकित्सक होने के कारण वर्क लोड अधिक होता है। ये विभाग का काम है कि नागदा अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति करें।
डॉ. संजीव कुमरावत, बीएमओ नागदा खाचरौद