ज्ञात रहें एक बड़े हिस्से में फैले अटल निसर्ग उद्यान में गार्डन, झूले-चकरी लगे हैं। इसी परिसर में स्वीमिंग पुल भी बना हुआ है। शाम के समय यहां लोग घूमने के लिए आते हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन से पांच दिनों तक भव्य मेला भी लगता है। यह सब तो सभी तो पता था, लेकिन उद्यान के कर्क रेखा पर निर्मित होने की रोचक जानकारी पहली बार सामने आई है।

ऐसे किया प्रयोग
खगोलीय घटना के दौरान अस्थाई शंकु गार्डन पर लगाया गया। वहीं दूसरा शंकु बैंगलोर में रखा गया। उद्यान में लगाया शंकु 12 बजकर 27 मिनट पर न्यूनतम हो गया तो बैंगलोर में रखा शंकू इसी समय पर गायब हो गया था। नागदा में रखे शंकु की लंबाई और परछाई नापी गई। जिसके बाद इन्हीं दोनों मापों का उपयोग करके पृथ्वी की परिधि का सटीक माप लगाया गया।
सबसे पहले दो हजार पूर्व किया था प्रयोग
प्रयोग में जूटे फाउंडेशन के छात्रों ने बताया कि यह प्रयोग सबसे पहले इरातोसथेंस ने करीब 2 हजार वर्ष पूर्व किया था। जिससे धरती कई परिधि का सबसे पहले अनुमान लगाया गया था। उद्यान विद्यार्थियों ने फाउंडेशन के फाउंडिंग मेंबर संजय गुप्ता के मार्गदर्शन में यह सफल प्रयोग किया। इस दौरान नपा इंजीनियर नीलेश पंचोली, संदीप चौहान, जितेंद्र राठौर, लक्की सेन, अटल उद्यान के राजेश कोटवार मौजूद थे।