रात १० बजे बाद बंद हो डीजे
वैवाहिक व मांगलिक कार्यों में अक्सर देखने में आता है, कि देर रात आयोजन कर ध्वनि प्रदूषण फैलाया जाता है। इससे पर्यावरण के साथ मनुष्यों के ध्वनि यंत्रों पर भी प्रभाव पड़ता है। आगामी माह से बोर्ड परीक्षार्थियों की परीक्षा शुरु होने वाली उच्च अंक लाने के उद्देश्य से विद्यार्थी रात के समय पढ़ाई करते हैं। ऐसे में डीजे का शोर गुल परीक्षार्थियों की पढ़ाई में खलल डाल सकती है। आदेश मांगलिक परिसर, मैरिज गार्डन एवं धर्मशालाओं पर लागू रहेंगे। एसडीएम श्रीवास्तव ने बताया कि रात्रि दस बजे बाद सार्वजनिक स्थान, धर्मशाला, मैरिज गार्डन या मांगलिक परिसर में डीजे का उपयोग किए जाने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
एक्सपर्ट कमेंट
&लगातार ध्वनि प्रदूषण के संपर्क में रहने से सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है। बच्चों के कान के पर्दे खराब हो सकती हैं, पढ़ाई के दौरान ध्यान भंग होता है। बैंड पार्टियों, डीजे में मानक डेसीबल ये अधिक आवाजों पर ध्वनि प्रदूषण देखा जाता है।
डॉ. संजीव कुमरावत, बीएमओ
निर्धारित आवाज में बजाएं साउंड
&परीक्षा के मद्देनजर आम नागरिकों से अनुरोध है कि मांगलिक, धार्मिक व अन्य आयोजन में साउंड सिस्टम निर्धारित आवाज में उपयोग करे, ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई में असुविधा नहीं हो।
डॉ. रजनीश श्रीवास्तव, एसडीएम नागदा