आवारा मवेशियों का आरामगाह बना शहर का शासकीय अस्पताल
नागदाPublished: Dec 10, 2019 08:11:46 pm
जिम्मेदारों की अनदेखी की चलते शहर के सरकारी अस्पताल परिसर श्वास ने लेकर आवारा मवेशियों का आरामगाह बन गया है।यहां हर समय इन्हें वितरण करते देखा जा सकता है। कर्मचारियों का ध्यान हटते ही यह अस्पताल परिसर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे हर समय संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
आवारा मवेशियों का आरामगाह बना शहर का शासकीय अस्पताल,आवारा मवेशियों का आरामगाह बना शहर का शासकीय अस्पताल
नागदा। जिम्मेदारों की अनदेखी की चलते शहर के सरकारी अस्पताल परिसर श्वास ने लेकर आवारा मवेशियों का आरामगाह बन गया है।यहां हर समय इन्हें वितरण करते देखा जा सकता है। कर्मचारियों का ध्यान हटते ही यह अस्पताल परिसर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे हर समय संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति अस्पताल की है तो अन्य शासकीय कार्यलय की हालत कैसी होगी, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। गौरतलब कि शहर पहले ही आवारा मवेशियों के गली-मौहल्लों एवं
चौराहे पर झूंड से परेशान है। इस कारण एक्सीडेंट की घटना भी हो चुकी है। अब इन आवारा मवेशियों ने सड़कों को छोड़कर सरकारी अस्पताल सहित अन्य शासकीय भवनों को अपना आरामगाह बना लिया है। इसका कारण आवरा मवेशियों पर लगाम लगाने पर नपा की लापरवाही है। अब तक इन मवेशियों के लिए अस्थाई गौशाला में किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
इसलिए ज्यादा खतरा
यूं तो अस्पताल परिसर में सभी जगह मवेशी नजर आते हैं, लेकिन ज्यादातर मवेशी परिसर के पीछे बने कचरा डम्पिंग यार्ड के पास दिखते हैं। मवेशी व श्वान यहां से कचरे को मुंह में दबाकर इधर-उधर फैला देते हैं। कई बार तो यह कचरे को अस्पताल परिसर में लेकर पहुंच जाते है। कचरे में कई प्रकार का औषधीय कचरा होता है, जो हवा व पैरों के जरिए अस्पताल के वार्ड
में अंदर पहुंचता है और संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है।