scriptबैलेंस बिगड़ा…तो स्कूल नहीं, सीधे अस्पताल पहुंचेंगे ये बच्चे | Drivers not following traffic rules | Patrika News
नागदा

बैलेंस बिगड़ा…तो स्कूल नहीं, सीधे अस्पताल पहुंचेंगे ये बच्चे

स्कूली बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ होना आम बात है। नियमों को ताक पर रख ऑटो व मैजिक चालक वाहनों को दौड़ा रहे हैं।

नागदाNov 07, 2017 / 07:52 pm

Gopal Bajpai

patrika

Auto,Driver,traffic rules,Magic driver,Do not follow,

नागदा. बीते २३ जुलाई को बिरलाग्राम पेट्रोल पंप के समीप दो ऑटो की भिंड़त हो गई थी। घटना में ऑटो में बैठे स्कूल के बच्चे घायल हो गए। दुर्घटना में ऑटो चालक समेत 3 विद्यार्थी घायल हुए। १० माह बीतने के बाद भी ऑटो व मैजिक चालकों की मनमानी पर लगाम नहीं लग रहा है। स्कूली बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ होना आम बात हो गई है। नियमों को ताक पर रख ऑटो व मैजिक चालक स्कूली बच्चों को बैठाकर वाहनों को दौड़ा रहे हैं। यदि परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान ना दें तो वो दिन दूर नहीं जब कोई बड़ा हादसा ना हो जाए।


ऑटो में सबसे अधिक परेशानी

शहर के स्कूलों में पढऩे वाले नौनिहालों की जान के साथ खुले आम खिलवाड़ किया जा रहा है। ऑटो रिक्शा में बच्चों को निर्धारित बैठक क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर सफर करवाया जा रहा है। बैठक क्षमता से अधिक बच्चे बैठने पर शहर का यातायात अमला भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से बच्चों के पालक भी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं। छुट्टी के बाद बच्चों को ऑटो व मैजिक में बैठाकर घरों तक छोड़ा जाता है, इस दौरान चालक क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर अंधाधुंध गाड़ी चलते हैं।

नियमों की अनदेखी
ऑटो रिक्शा में मोटरयान नियमों के अनुसार १२ वर्ष से कम आयु के बच्चों की बैठक क्षमता चौथी स्थिति में अधिकतम ५ निर्धारित की गई। जबकि १२ वर्ष आयु से अधिक के लिए अधिकतम छात्रों की संख्या ३ तय की गई है। शहर में इन नियम के विरूद्ध क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा रहे हैं। उच्च न्यायालय खंड पीठ ग्वालियर के आदेश पर राज्य परिवहन ने ऑटो रिक्शा में मोटरयान नियमों के तहत बच्चों के बैठने की क्षमता निर्धारित की है।

&सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले ऑटो व बस चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। आगामी दिनों में ओवरलोड वाहन चालकों पर मुहिम चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
अजय वर्मा, टीआई, मंडी थाना

&प्रशासनिक कार्रवाई के साथ पालकों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। पालक बच्चों को असुरक्षित ऑटो या बसों में ना भेजे जिनकी स्थिति काफी खराब है। प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता है, और आगे भी करता रहेगा।
डॉ. रजनीश श्रीवास्तव, एसडीएम, नागदा

Home / Nagda / बैलेंस बिगड़ा…तो स्कूल नहीं, सीधे अस्पताल पहुंचेंगे ये बच्चे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो