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सर्वर डाउन के कारण किसान परेशान, नहीं हो पा रहे यह काम

locationनागदाPublished: Sep 07, 2018 01:35:31 am

Submitted by:

Lalit Saxena

एक पंजीयन करने में 5 मिनट के स्थान पर लग रहा है 20 मिनट

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नागदा. भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत चल रहे पंजीयन कार्य में कमजोर सर्वर एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से सर्वर में परेशानी के कारण किसानों के पंजीयन में काफी समय लग रहा है। पंजीयन के काम में लगे मंडी कर्मचारियों के मुताबीक जो काम 5 मिनट में होना चाहिए उसके लिए 20 से 25 मिनट का समय लग रहा है। जिसके कारण किसानों के पंजीयन का काम काफी धीमी रफतार से होने से किसान परेशान हो रहे हैं। पंजीयन के लिए अचानक दो केंद्र और बढ़ा देने से भी गुरुवार को पंजीयन कराने आए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि अभी मात्र दो केद्रों पर ही कृषि उपज मंडी स्थित मार्केटिंग सोसायटी और कृषि उपज मंडी में पंजीयन की व्यवस्था की गई थी लेकिन सर्वर की परेशानी के चलते दोनों केंद्रों पर धीमी रफ्तार से पंजीयन होने से किसानों को घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा था। कई बार तो किसानों को पंजीयन कराने के इंतजार इतना लंबा हो जाता था उनका बारी आने में एक से दो दिन का समय लग रहा था। ऐसे में विभाग ने बंद पड़े ग्राम रूपेटा और झांझाखेड़ी मार्केटिंग सोसायटी केंद्र पर भी पंजीयन का काम प्रारंभ करने का निर्णय लेकर ग्रामीण क्षेत्रों को बांट दिया, लेकिन किसानों की इसकी जानकारी नहीं होने से गुरुवार को जब वह पंजीयन कराने कृषि उपज मंडी पहुंचे तो वहां से पता चला कि उनका पंजीयन नए केंद्र रूपेटा या झंाझाखेड़ी में होंगे। किसान वहां पहुंचे तो यह दोनों केंद्र बंद मिले, जबकि दोनों केंद्रो के संचालकों को 5 सितंबर से ही पंजीयन का काम शुरू करने के निर्देश विभाग द्वारा दिए गए थे। हालांकि रूपेटा और झांझाखेड़ी दोनों ही सोसायटी के संचालकों ने इस पर सफाई दी है कि पंजीयन को लेकर उन्हें विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन कोड नहीं मिलने के कारण पंजीयन का काम शुरु नहीं हो सका है। शुक्रवार से दोनों केद्रों पर पंजीयन का काम प्रारंभ हो जाएगा।
ओटीपी आने के बाद ही पंजीयन
शासन द्वारा इस बार पंजीयन के लिए किसानों के दो बैंक खातों की अनिवार्यता रखी गई थी लेकिन परेशानी यह है कि ज्यादातर किसानों के पास सहकारी बैंक के खाते तो थे लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंकों के खाते नहीं होने से किसानों को पंजीयन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कई किसानों ने खाते खुलवाने बैंक गए भी लेकिन पेनकार्ड नहीं होने से खाता नहीं खुल पाया। ऐसे में शासन ने नियमों में शिथिलता देकर किसानों को राहत देते हुए दो बैंका खातों की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है लेकिन परेशानी अब यह है कि पंजीयन कराने के लिए किसानों को केंद्र पर ही तब तक रूकना पड़ रहा है जब तक उनके मोबाइल पर ओटीपी नहीं आ जाता। सर्वर धीमा चलने के कारण ओटीपी के लिए किसानो को घंटो केंद्र पर ही रूकना पड़ रहा है। गुरुवार को भी यह समस्या केंद्रो पर नजर आई।
यह दस्तावेज जरूरी
पंजीयन के लिए किसानों को अपना पुराना पंजीयन, आधार कार्ड, भूमि की पावती, बैंक पास बुक, समग्र आइडी अनिवार्य है। इसके अलावा पंजीयन के पहले किसानों को अपना फार्म जिसमें सभी भूमि और बैंक संबधित जानकारी उपलब्ध है उसे क्षेत्र के पटवारी से सत्यापित करवाना आवश्यक है। किसानों की सुविधा के लिए दो केंद्र और बनाए गए है। वहीं सर्वर डाउन होने के कारण पंजीयन होने में परेशानी आ रही है।
बीएल चौधरी, सचिव, कृषि उपज मंडी

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