नागदाPublished: Nov 22, 2018 12:44:26 am
Lalit Saxena
अफसर बोले-दीवार रिपेयरिंग के लिए यूनिट को किया जा रहा खाली
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नागदा. शहरी कचरे से खाद बनाए जाने की योजना को ग्रहण लग चुका है। कारण जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना है। परेशानी यह है, कि उक्त खाद इकाई शहरवासियों से स्वच्छता व विभिन्न प्रकार के वसूले जाने वाले कर से निर्मित है। दरअसल ग्राम गिंदवानिया स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में खाद प्रसंस्करण (कम्पोजिट) इकाई की दीवार टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई। दीवार टूटने के कारणों का पता नहीं लग सका है। मामले को लेकर सीएमओ भविष्यकुमार खोब्रागढ़े का कहना है कि दीवार टूटने के बाद रिपेयरिंग के उद्देश्य से खाद यूनिट को खाली किया जा रहा है। विड़बना यह है कि चित्र को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है, कि यूनिट में कितने दिन पूर्व खाद बनाई गई थी। खाद के स्थान पर यूनिट में धूल और सीमेंट क्रांकिट का कचरा भरा पड़ा है।
कलस्टर एप्रोच सिस्टम से शहर में कचरा प्रबंधन किया जाना। वहीं नपा को राजस्व की प्राप्ति होना था। प्रोजेक्ट के मूर्त रूप में आते ही उत्पादित जैविक खाद को 185 रुपए में 50 किलो खाद किसानों को बेची जानी थी। योजना की डीपीआर वर्ष 2017 में स्वीकृत हुई थी। कचरे का प्रबंधन करने वाली शहर की नपा पहले स्थान पर रही है। इसके पूर्व दूसरे क्लस्टर में देवास का चयन प्लास्टिक एकत्र कर खाद उत्पादित किया जाना था।
क्या है खाद प्रसंस्करण इकाई
खाद प्रसंस्करण इकाई में मानव या पशुओं के उपभोग के लिए कच्चे संघटकों को खाद पदार्थ में बदलने या खाद्य पदार्थों को अन्य रूपों में बदलने के लिए प्रयुक्त विधियों और तकनीकों का सेट है। आम तौर पर खाद प्रसंस्करण में साफ फसल या कसाई द्वारा काटे गए पशु उत्पादों को लिया जाता है और इनका उपयोग आकर्षक, विपणन योग्य और अक्सर दीर्घ शेल्फ-जीवन वाले खाद उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है। पशु चारे के उत्पादन के लिए भी इसी तरह की प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
प्लास्टिक पहुंचाई जानी थी देवास
बता दें कि शहर के कचरे से निकलने वाले कचरे में से प्लास्टिक को अलग कर उसे देवास पहुंचाया जाना था। देवास भेजे जाने का उद्देश्य देवास स्थित खाद प्रसंस्करण प्लांट में प्लास्टिक का निस्तरण किया जाना था। इधर योजना के अंतर्गत विकासखंड के किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर करना था। लेकिन योजना को ग्रहण लग चुका है।
कम्पोजिट खाद की दीवार टूट गई थी। दीवार की रिपेयरिंग के लिए यूनिट को खाली किया गया है। ऐसा कुछनहीं है, कि यूनिट में खाद नहीं बनाई जा रही है।
भविष्यकुमार खोब्रागढ़े, सीएमओ