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सुख की चाह कितनी बड़ी होती है कि व्यक्ति दु:ख को भी भूल जाता है

locationनागदाPublished: Sep 21, 2018 01:26:05 am

Submitted by:

Lalit Saxena

तपस्वी कृति जैन की निकाली शोभायात्रा

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सुख की चाह कितनी बड़ी होती है कि व्यक्ति दु:ख को भी भूल जाता है
महिदपुर रोड. सुख के लिए व्यक्ति जीवन में दु:खों के बड़े-बड़े पहाड़ को भी पार कर देता है। संसार का सुख मिलने के बाद व्यक्ति दु:ख को भूल जाता है। जीवन में व्यक्ति को पूर्व भव के सत्कर्मों के परिणाम स्वरुप सुख एवं बुरे कर्मों के परिणाम स्वरूप दु:खों को सहन करना पड़ता है, क्योंकि कर्म राज किसी को नहीं छोड़ता शुभ और अशुभ कर्म व्यक्ति के जीवन में निरंतर बंधते रहते हैं। यह विचार चातुर्मास के लिए विराजित साध्वी विद्ववद गुणा श्रीजी एवं रश्मि प्रभा श्रीजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे। अखिल भारतीय राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश धारु, अशोक श्रीमाल इंदौर, शांतिलाल गोखरू बडनग़र, अतुल आदाणी सूरत, राजेंद्र दंगवाड़ा बडनग़र, बृजेश वोरा, नागदा राजेश वागरेचा इंदौर आदि राष्ट्रीय पदाधिकारी साध्वी के दर्शनार्थ पधारे। गुरुवार की साधार्मिक भक्ति जैन श्रीसंघ गुरु राजेंद्र सूरी की आरती का लाभ सुभाष चंद्र, संदीप कुमार भंडारी परिवार ने लिया। जानकारी चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी सचिन भंडारी ने दी।
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तपस्वी कृति जैन की निकाली शोभायात्रा
उन्हेल. श्रीकामित पूरण पाश्वनार्थ की धन्या धरा उन्हेल में पंचाहिका महोत्सव की धूम मची हुई है। कुशल विधि का नगर के घर आंगन का पौधा ललित जैन बिरला के नेतृत्व मे विभिन्न संगीत मंडली द्वारा पंचाहिका महोत्सव में भक्तों को भाव-विभोर कर महोत्सव को नई उचाईयां प्रदान की जा रही है।
महोत्सव के प्रारंभ मे पाश्व यश श्राविका मंडल की ओर से पंचकल्याणक पूजन मांगीलाल की पुण्यतिथि एवं सीमा जैन पोपट के उपधान तप निमित्त शांति स्नात्र महापूजन मांगीलाल धूल कुंवर परिवार की ओर से 18 अभिषेक महापूजन एवं शाम को साधर्मिक भक्ति अनिल नंदलाल चौहान परिवार द्वारा, बहू करिश्मा के आरोप उपवास निमित्त प्रभु का वरघोडा एवं तपस्वी की शोभायात्रा का आयोजन तथा दोपहर में शांति कर्म महापूजन का आयोजन हुआ। महोत्सव में प्रतिदिन जावरा, राजगढ, इंदौर आदि के संगीतकार मंडलियों के माध्यम से विधिकारक ललित जैन द्वारा भक्ति का रस पान कराया गया महोत्सव में उत्तरार्ध मे गुरुवार को सुजानमल जैन परिवार द्वारा सत्तरभेढी महापूजन हुआ। शुक्रवार को कृति विजयकुमार जैन के 16 वर्ष की तपस्या पूर्ण होने पर प्रात: 9 बजे भगवान की व तपस्वी की शोभायात्रा निकाली जाएगी व यात्रा के समापन के बाद धर्मसभा का आयोजन आराधना भवन मे साध्वी हितदर्शिता द्वारा की गई, उसके उसके बाद श्रीसंघ द्वारा तपस्वियों का बहुमान किया गया। इस मौके पर अध्यक्ष सतीश मारू, मिश्रीलाल जैन, अजीत जैन, सुशील जैन, कैलाश पेंटर, कैलाश जैन आदि मौजूद थे। गुरु वंदन प्रमोद जैन ने कराया व आभार राजेन्द्र जैन ने माना।
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