scriptशहर में बढ़ता शोर विद्यार्थियों के लिए बना परेशानी का सबब | Increasing noise in the city is a problem for students | Patrika News

शहर में बढ़ता शोर विद्यार्थियों के लिए बना परेशानी का सबब

locationनागदाPublished: Feb 18, 2019 01:07:05 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

धार्मिक आयोजन, जुलूस-जलसे और रैली व प्रदर्शनों के चलते तेजी से बढ़ रहा है शोर

patrika

exam,DJ,wedding ceremony,noise,The students,A lot of trouble,

उज्जैन. शहर में परीक्षा का दौर शुरू हो गया है। विद्यार्थी पढ़ाई में जुटे हुए हैं तो कक्षाओं में परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है लेकिन इन सब के बीच शहर में बढ़ता शोर विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दिनभर धार्मिक आयोजनों के जुलूस में बैंड-बाजे तो शादी-समारोह में डीजे का शोर बच्चों की पढ़ाई में खलल डाल रहा है। बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के बाद भी प्रशासन की ओर से इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थिति यह है कि हर वर्ष कोलाहल अधिनियिम के तहत ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रोक लगती है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में बढ़ते शोर-शराबे का खमियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ सकता है।
केंद्रीय बोर्ड की 10वीं व 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा चल रही हैं। स्थानीय स्कूलों में भी छोटे कक्षाओं की परीक्षा शुरू हो गई हैं या होने वाली है। वहीं माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होने वाली है। परीक्षा की तैयारियों में जुटे विद्यार्थियों के लिए शहर में हो रहा ध्वनि प्रदूषण परेशानी बनता जा रहा है। दअरसल शहर में रोजाना ही धार्मिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के चलते जुलूस-जलसे निकल रहे हैं। इनमें बैंड बाजे के साथ ढोल व लाउड स्पीकरों को खूब उपयोग किया जा रहा है। एक-एक जुलूस शहर में दो से तीन घंटे तक घूमते हैं। लिहाजा यह जुलूस जिधर से भी गुजरते हैं वहां रहने वाले लोगोंं के लिए सिरदर्द बनते हैं। यही स्थिति शाम तक और ज्यादा बढ़ जाती है। शादी-समारोह के कारण बड़ी संख्या में वर निकासी निकल रही है। इसमें बैंड के साथ डीेजे का उपयोग किया जा रहा है। वहीं मैरिज गार्डन व धर्मशालाओं में भी डीजे बजाए जा रहे हैं। विवाह समारेाह में डीजे देर रात बज रहे हैं। इससे आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। देर रात तक हो रहे शोर-शराबे को रोकने की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
शोर से बच्चों को यह होती है परेशानी
– पढ़ाई के दौरान एकाग्रता खत्म होती है।
– लगातार शोर के कारण मन विचलित होता है।
– ज्यादा देर तक शोर के बीच रहने से मस्तिष्क पर विपरित असर पड़ता है।
– एक तय सीमा से ज्यादा शोर होने से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।
– लगातार शोर के कारण चिड़चिड़ापन भी होता है।
सीएम ने दिए हैं निर्देश फिर रोक नहीं
ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी निर्देश दिए हैं। हाल ही मेें झाबुआ की एक छात्रा ने सीएम से अपील की थी कि वे शोर बंद करवाए। खुद सीएम ने छात्रा को पत्र लिखकर आश्वस्त किया था कि जल्द ही कार्रवाई होगी और इस पर रोक लगेगी। शहर में सीएम के निर्देश के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।
मुख्य सडक़ व मैरिज गार्डन के पास घर वाले ज्यादा परेशान
शहर में बढ़ते शोर से सबसे ज्यादा मुख्य सडक़, मैरिज गार्डन धर्मशालाओं के पास रहने वाले लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं। मुख्य सडक़ों से निकलने वाले जुलूस के कारण 15 से 30 मिनट तक शोर बना रहता है। वहीं मैरिज गार्डन व धर्मशालाओं में डीजे लगातार पांच से आठ घंटे तक बजते रहते हैं। आसपास के रहवासियों की मुश्किल है कि वे इन्हें रोकने के लिए पुलिस को फोन भी करते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
रात 10 बजे बाद प्रतिबंध, कार्रवाई नहीं
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार रात 10 बजे बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं हो सकता है। शहर में रात 12 से 1 बजे तक डीजे बज रहे हैं। नियमों के उल्लंघन के बाद भी पुलिस व प्रशासन की तरफ से कहीं पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यही नहीं प्रशासन की आरे से लगाए जाने वाले कोलाहल अधिनियम के तहत भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों की सीमा तय कर दी जाती है। इस बार ऐसा भी नहीं किया गया है।
बच्चों की परीक्षा का हमें ध्यान है। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए जल्द ही आदेश जारी करेंगे। कहीं देर रात तक डीजे बजने की शिकायत मिलती है तो उस पर भी कार्रवाई करेंगे।
शशंाक मिश्र, कलेक्टर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो