परिवहन नहीं होने के कारण हो रही परेशानी
नैफेड द्वारा कुल पांच सोसायटियों के माध्यम से किसानों से भावांतर योजना के तहत खरीदी की जा रही है। जिसमें 1 धाराखेड़ा सोसायटी जिसमें आग लगी है, इसमें कुल चना 15842 क्विंटल, सरसों 195 क्विंटल तथा मसूर 214 क्विंटल की खरीदी हुई है। जिसमें केवल 5210 क्विंटल ही परिवहन हो पाया है। इस तरह साढ़े दस हजार क्विंटल माल का परिवहन नहीं हो सका। ३यदि समय पर माल परिवहन हो गया होता तो आग लगने तथा इससे हुए नुकसान से बचा जा सकता था। 2 सगवाली सोसायटी में अब तक चना खरीदी कुल 8998 क्विंटल, सरसों 792 क्विंटल तथा मसूर 20 क्विंटल खरीदी गई है। जिसमें सभी जिंस परिवहन हो चुकी है। 3 लोटिया जुनारदा में चना 18900 क्विंटल, सरसों 179 क्विंटल तथा मसूर 118 क्विंटल की खरीदी हुई है। जिसमें अब तक कुल 8000 क्विंटल ही परिवहन हो पाया है। करीब 11 हजार क्विंटल माल स्टॉक में परिवहन के अभाव में बचा हुआ है। 4 आक्याधागा सोसायटी में अब तक कुल चना 20000 क्विंटल, सरसों 600 क्विंटल तथा मसूर 86 क्विंटल खरीदी हो चुकी है। जिसमें 14 हजार क्विंटल माल परिवहन हो चुका है। छ: हजार क्विंटल माल अभी भी परिवहन नहीं हो पाया है। 5 मार्केटिंग सोसायटी में चना 16126 क्विंटल, सरसों 401 क्विंटल तथा मसूर 850 क्विंटल की खरीदी हुई है। 12 हजार हजार क्विंटल माल का परिवहन होकर करीब पांच हजार क्विंटल माल स्टॉक में बचा हुआ है। इस तरह कुल पांच सोसायटियों में अब तक 32, 500 क्विंटल माल स्टॉक में परिवहन के अभाव में बचत में आ रहा है। इसका सीधा असर मंडी के नीलामी के दौरान माल रखने की जगह के भर जाने से परेशानी हो रही है। साथ ही आगजनी एवं अकस्मात मावठे की बारिश से भी नुकसान हो सकता है।
सोसायटियों में खरीदी मंडी प्रांगण में होने व जिंस परिवहन नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है। इससे मंडी का व्यापार प्रभावित हो रहा है। साथ ही आगजनी के साथ ही मावठे की बारिश हो जाने से माल के खराब होने की संभावना है। ऐसे में परिवहन की व्यवस्था में सुधार करते हुए कम से कम स्टॉक रखा जाना चाहिए। जिससे सभी को सुविधा होगी और मंडी का व्यापार भी प्रभावित नहीं होगा।
कैलाशपुरी गोस्वामी, कृषि उपज मंडी अध्यक्ष, महिदपुर