नागदाPublished: Oct 12, 2018 01:22:27 am
Lalit Saxena
भारी वाहनों के असमय प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं होने से पनपता है जाम
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नागदा. असमय प्रवेश कर रहे भारी वाहनों ने शहर की यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। आलम यह हो चुका है कि प्रतिदिन शाम 6 से 8 के बीच में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। जाम भी इस प्रकार का कि 3 घंटे के लंबे समय के बाद जाम बमुश्किल जाम खुल पाता है। उक्त असुविधा के पीछे मुख्य कारण शहर में असमय प्रवेश कर भारी वाहन है। विडम्बना यह है, कि जनप्रतिनिधियों द्वारा शहर के मास्टर प्लान व ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार के कोई माकूल इंतजाम नहीं किए गए है। बीते तीन पांच दिनों की बात करें तो शेषशायी चौक, जवाहर मार्ग, दीनदयाल चौराहा, रामसहाय मार्ग, नपा कम्युनिटी हॉल, चंबल सागर कॉलोनी, रेलवे स्टेशन चौराहे पर 3-3 घंटे का लंबा जाम देखा गया। जाम को नियंत्रित करने के लिए सूचना के बाद भी पुलिस प्रशासन ने सुध लेने की जिरह नहीं की, लिहाजा राहगीरों को जाम से जूझना पड़ा। शहरवासियों की उम्मीद है कि नवीन जनप्रतिनिधि शहर को ट्रैफिक से निजात दिलाएंगे।
कहां-कहां लगता जाम
शहर के दो दर्जन से अधिक स्थानों पर जाम की स्थिति निर्मित होती है, जिसमें गवर्नमेंट कॉलोनी रोड, मेहतवास-दुर्गापुरा सड़क मार्ग, इंगोरिया रोड, एप्रोच रोड, पुराना ओह्वर ब्रिज आदि शामिल है। उक्त क्षेत्रों में तेज रफ्तार से दौड़ते चार पहिया वाहन भी जाम का अप्रत्यक्ष कारण है। यदि कोई चारपहिया वाहन तेज रफ्तार से वाहन दौड़ाता हुआ सड़क पर निकलता है, तो अन्य वाहन चालक वाहनों की रफ्तार कम कर लेते हैं। जिसके चलते जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
बस स्टैंड पर हर 30 मिनट में लगता है जाम
शहर से प्रतिदिन 30 बसों का संचालन होता है। जिसमें 3000 बस यात्री सफर करते है। स्टैंड पर हर 30 मिनट में उज्जैन, महिदपुर, रतलाम, नीमच, मंदसौर, उन्हेल समेत अन्य प्रांतों से चार्टेट बसें आती है। परेशानी तब खड़ी होती है, जब बसों को कतार में लगाने के लिए मुख्य चौराहें पर मोड़ा जाता है। इस दौरान जाम की स्थिति बनती है साथ ही दुघर्टनाएं भी होती है। ऐसा नहीं है, अनियंत्रित तरीके से बसों को मोडऩे का क्रम पुलिस प्रशासन से छिपा है। बस स्टैंड पर डायल 100 पुलिस जवानों के साथ खड़े रहते है, लेकिन जाम को देखकर मूक दर्शकों में शामिल होना ही जवानों को रास आता है।
क्या है जाम की जड़
दुर्घटनाओं व जाम की स्थिति पर अकुंश लगाने के कारण राजस्व व पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों के शहर में प्रवेश का समय निर्धारित कर रखा है। समयानुसार भारी वाहन सुबह 8 बजे के पूर्व व रात 8.30 बजे के बाद ही शहरी सीमा में प्रवेश कर सकते है। लेकिन उक्त समयसारणी का मखौल उड़ रहा है। साथ ही शहरवासियों को जाम की स्थिति से जूझकर परेशान होना पड़ रहा है। सवाल यह भी है, कि जिस समय जाम की स्थिति बनती है, उस समय स्कूली बच्चे कोचिंग से घर लौटते है। जाम के दौरान कोई अप्रिय घटना घटे तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। शहर के मुख्य मार्गों को जाम की जद में करने का मुख्य कारण भारी वाहनों का असमय प्रवेश है।
शहर में प्रतिदिन शाम 6 से 8 के बीच में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। जाम भी इस प्रकार का, कि 3 घंटे के लंबे समय के बाद जाम बमुश्किल जाम खुल पाता है। उक्त असुविधा के पीछे मुख्य कारण शहर में असमय प्रवेश कर भारी वाहन है।
अरविंद्र चौहान, रहवासी, सिंधी कॉलोनी
दुर्घटनाओं व जाम की स्थिति पर अकुंश लगाने के कारण राजस्व व पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों के शहर में प्रवेश का समय निर्धारित कर रखा है। समयानुसार भारी वाहन सुबह 8 बजे के पूर्व व रात 8.30 बजे के बाद ही शहरी सीमा में प्रवेश कर सकते है। लेकिन उक्त समयसारणी का मखौल उड़ रहा है।
शरद सेठिया, रहवासी