नागदाPublished: Dec 28, 2018 08:22:58 pm
Gopal Bajpai
मामला सड़क किनारे कड़कड़ाती सर्दी में तीन बच्चों के साथ रहने वाली महिला का
सड़क से आशियानें तक पहुंची शायर, फिलहाल मिला रैन बसेरा
नागदा। सात सालों से सड़क और किराए के मकान में गुजर बसर करने वाली महिला शायर को अस्थाई तौर पर आशियाना मिल गया है। कुछ दिनों के लिए ही सही महिला कड़ाके की ठंड का सामना कर पाएगी। दरअसल उज्जैन जावरा बायपास मार्ग पर एक महिला द्वारा प्लास्टिक का घर बनाकर गुजर बसर कर रही थी। पत्रिका ने महिला की बेबसी को 2७ दिसंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामले को लेकर पत्रिका टीम ने उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह से फोन पर चर्चा कर महिला के बारे में बताया। कलेक्टर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका नागदा सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागढ़े से चर्चा कर महिला के लिए रहने के लिए स्थान के बारे में जानकारी चाही। सीएमओ खोब्रागढ़े ने महिला शायर व उसके बच्चे को नगर पालिका रैन बसरे में आशियाना दिया है।
पूरा मामला एक नजर में
शायर नामक महिला स्टेट हाइवे नंबर 17 के समीप प्लास्टिक की पॉलीथिन से घर बनाकर तीन बच्चों का गुजर बसर कर रही है। बता दें कि, 56 ब्लॉक निवासी शायर पति किसन मालवीय पेशे से दहाड़ी मजदूरी का कार्य कर तीन बच्चों का पेट भरती है। महिला के पति और ससुराल पक्ष द्वारा महिला को परेशान किया जाने लगा। परेशान होकर शायर ने घर छोड़ दिया सहमी हुई शायर अपने तीन बच्चों को लेकर पहले किराए के मकान में रही। बाद में सड़क को ही अपना घर बना लिया। ऐसा नहीं है, कि महिला आर्थिक सहायता के लिए किसी अफसर या जनप्रतिनिधि के समक्ष गुहार लगाने नहीं पहुंची। महिला ने सभी के दरवाजे खटखटाएं हाथ निराशा ही लगी।