दिल्ली के कलाकार देंगे भजनों की प्रस्तुति
नागदा•Sep 19, 2018 / 12:31 am•
Lalit Saxena
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नागदा. ग्राम पाड्ल्याकलां स्थित स्थित अतिप्राचीन नवकली नाग महाराज श्रीसत्यवादी वीर तेजाजी मंदिर परिसर पर दो दिनी मेले का शुभारंभ मंगलवार रात को हुआ। शुभारंभ विधायक दिलीपसिंह शेखावत, नपाध्यक्ष अशोक मालवीय, मंडल अध्य्क्ष राजेश धाकड़ द्वारा किया गया। रात्रि को महाआरती, पूजन के साथ ही तेजाजी की कथा का मंचन हुआ। मेले को लेकर लेकर नपा कर्मचारियों द्वारा मंदिर परिसर में रंग-रोगन का कार्य किया गया है, साथ ही मेला परिसर में 20 लाख रुपए की लागत से डोम का निर्मित हो चुका है। निर्माण मंदिर पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
पूर्व में मंदिर परिसर में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को बारिश के दिनों में परेशान होना पड़ता था। साथ ही मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी प्रभाव पड़ता था। मंदिर पंडा मानसिंह चौधरी के अनुसार तेजा दशमी के एक दिन पूर्व से मेले का शुभारंभ किया जाता है। मंगलवार शाम 4 बजे नाग ध्वज चढ़ाना, शाम 7.30 बजे जागरण आरती कर रात्रि 9 बजे भगवान वीर तेजाजी महाराज की कथा की गई। बुधवार सुबह भगवान का अभिषेक कर चोला चढ़ाया जाएगा। सुबह 8 बजे महायज्ञ का आयोजन कर 9 बजे मेला आरती की जाएगी। जिसके बाद दोपहर 1.30 बजे नाग दंश से पीडि़त लोगों की तांती छोड़ी जाएगी।
चेतनपुरा में होगी महाआरती
आज श्रीसत्यवादी वीर तेजाजी महाराज मंदिर सेवा समिति चेतनपुरा द्वारा महाआरती आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान बंसतीलाल सोलंकी रतत्नाखेड़ी के कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेजाजी मंदिर समिति सदस्यों ने शहरवासियों से अनुरोध किया है। तेजादशमी के अवसर पर बैरछा, जूना नागदा एवं बनबना में नाग देवता महाराज मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजन की धूम रहेगी।
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बडनग़र. सत्यावादी वीर तेजाजी महाराज की जयंती तेजा दशमी को लेकर नगर के तेजाजी चौक स्थित वीर तेजाजी मंदिर पर रंग-बिरंगी लाईटें लगाकर मंदिर की साज-सज्जा की गई है। मंदिर के पुजारी पं. कमलदास बैरागी ने बताया की मंगलवार को भगवान तेजाजी की आरती, हवन-पूजन किया गया इसके साथ ही रातिजगा हुआ। बुधवार को तेजा दशमी के उपलक्ष्य में सुबह से ही धूप, ध्यान की जाएगी। दोपहर में एक बजे बार से ताती छोड़ी जाएगी। इसके बाद देर रात तक मंदिर पर निशान चढ़ेंगे। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नवमी की रात से महकने वाली 13 फीट लंबी अगरबत्ती तीन अलग-अलग सुगंधित फ्लेवर की होकर वातावरण को सुगंधित कर रही है। उक्त अगरबत्ती निर्माण कार्य में मुख्य रूप से राहुल कैलाश शर्मा, सहयोगी आकाश सतपाडिय़ा, रोहित सतपाडिय़ा, बलरामजी डाबे द्वारा किया गया है।