नागदाPublished: Sep 10, 2018 12:25:14 am
Lalit Saxena
राहगीरों को भी दिखाना पड़ता है पहचान-पत्र, संदिग्ध पाए जाने पर करते हैं पुलिस के हवाले
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नागदा (राघवेंद्र ठाकुर). बेरछा के ग्रामीण इन दिनों कंजरों के आतंक से इस कदर भयभीत हैं कि उन्होंने रात 11 बजे बाद रिश्तेदारों को भी गांव आने से मना कर दिया है। दरअसल शहर से 8 किमी दूर स्थित बेरक्षा व आसपास कंजरों ने पिछले दिनों खूब आंतक मचाया। इस दौरान करीब एक दर्जन से ज्यादा वाहन एवं अन्य चोरियों की। इससे ग्रामीण कंजरों को लेकर इतने भयजदा हैं कि देररात को अगर कोई मेहमान भी गांव पहुंचता है तो गांववाले पहले उससे पूछताछ कर पहचान-पत्र मांग रहे हैं और संतुष्ट होने के बाद ही छोड़ रहे हैं। कंजरों के आतंक से परेशान होकर राहगीरों ने भी रात में आना-जाना कम कर दिया है।
राहगीरों से भी होती है गहन पूछताछ-कंजरों को लेकर ग्रामीणों में किस तरह डर हावी है इसका अंदाजा इसी बात से लगााया जा सकता है कि गांव में कंजर किसी वारदात को अंजाम न दे सकें इसके लिए 100 से 150 युवा रतजगा कर गांव की सुरक्षा में लगे हैं। यह ग्रामीण अलग-अलग टोलियों में गांव के चारों ओर से घेरकर सुरक्षा कर रहे हैं। खास तौर पर गांव पहुंचने वाले रास्ते को ग्रामीण अंधेरा होते ही खजूर और अन्य पेड़ों की लकडिय़ां डालकर बंद कर देते हैं और अगर कोई राहगीर गांव की चौखट पर पहुंचता है तो ग्रामीण उसे रोककर पहचान-पत्र मांगते हैं।
संदिग्ध मिलने पर पुलिस को दी जाती है सूचना
पूछताछ में कुछ गलत लगा या फिर परिचय पत्र नहीं मिला तो ग्रामीण तत्काल जानकारी नागदा पुलिस को देते हंै। बीते शनिवार-रविवार रात को भी बाइक सवार दो लोगों को ग्रामीणों ने कंजर समझकर पकड़ा था। सूचना नागदा पुलिस को की थी। रात करीब 1 बजे मंडी पुलिस थाना प्रभारी रवींद्रकुमार मय बल पहुंचे और बाइक सवारों से पूछताछ की तो दोनों पास के गांव के लोग निकले। वे दोनों खेतों में फसल को नुकसान पहुंचा रहे मवेशियों को खदेड़ते हुए गांव तक पहुंचे थे। पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया।
दो चंदन चोरों की हो चुकी है पिटाई
पिछले दिनों इसी तरह गांव से गुजरते समय गश्त कर रहे ग्रामीणों के हत्थे दो चंदन चोर लग गए थे। ग्रामीणों ने इन्हें कंजर समझकर इतना पीटा की बमुश्किल इनकी जान बच पाई थी। बाद में जब ग्रामीणों को पता चला कि ये लोग कंजर नहीं हैं, बल्कि चंदन चोर हैं तो सुबह दोनों चोरों को थाने ले आए और पुलिस को सुपुर्द कर दिया था।
थाने का भी कर चुके हैं घेराव
बेरछा के ग्रामीण पिछले माह दो बार शहर आकर थाने का घेराव कर चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप था कि कंजर उनके गांव में आकर चोरियों की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस को सूचना देने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती है। हालांकि ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पुलिस ने रात में गांव में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है।
फिरौती की कि गई थी मांग
ग्रामीणों की मानें तो कंजरों ने गांव में वारदात नहीं करने के लिए सक्षम किसानों से नेपा यानी एक तय राशि उन्हें देने की मांग की थी, लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया थ। उसके बाद कंजरों ने गांव को निशाने पर लेकर खूब उत्पाद मचाया और करीब एक दर्जन से ज्यादा चोरियां की थीं।
सूचना पर पहुंचे थे
ग्रामीणों की सूचना पर शनिवार-रविवार रात 1 बजे बेरछा पहुंचा था, लेकिन जिन दो व्यक्ति को ग्रामीणों ने कंजर समझकर पकड़ा था वे दोनों पास के ग्रामीण थे, जो मवेशियों को भगाते-भगाते गांव तक पहुंच गए थे।
रवींद्रकुमार, मंडी पुलिस थाना प्रभारी
यह बात सही है कि कंजरों से ग्रामीण बहुत डरे हैं। कंजरों से जानमाल की सुरक्षा के लिए रातभर गश्त कर रहे हैं। इस दौरान अगर कोई भी संदिग्ध नजर आता है तो उससे पूछताछ कर पहचान पत्र देखकर ही उसे जाने दिया जाता है।
बद्रीलाल बामनिया, संरपच बेरछा