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खेत धरना आंदोलन के माध्यम से भाजपाईयों ने कमलनाथ सरकार को कोसा

locationनागदाPublished: Dec 14, 2019 07:10:58 pm

Submitted by:

Kamlesh verma

जब से मध्यप्रदेश मे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अस्तित्व मे आई है तब से प्रदेश के किसानों की उपेक्षा प्रारंभ हो गई हैं। प्रदेश का किसान बदहाल होकर तबाही की कगार पर खड़ा हो गया हैं।

खेत धरना आंदोलन के माध्यम से भाजपाईयों ने कमलनाथ सरकार को कोसा

खेत धरना आंदोलन के माध्यम से भाजपाईयों ने कमलनाथ सरकार को कोसा

कांग्रेस सरकार समस्याओं के प्रति जागरुक हो जाए नहीं तो किसानों की उपेक्षा महंगी पड़ेगी: पूर्व विधायक शेखावत
इधर कांग्रेस प्रतिनिधि मालपानी ने भाजपा के धरने को बताय नौटंकी
नागदा। जब से मध्यप्रदेश मे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अस्तित्व मे आई है तब से प्रदेश के किसानों की उपेक्षा प्रारंभ हो गई हैं। प्रदेश का किसान बदहाल होकर तबाही की कगार पर खड़ा हो गया हैं। खेत धरना आंदोलन में उक्त बात कहते हुए पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि समय रहते प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति जागरूक हो जाए अन्यथा किसानों की उपेक्षा कांग्रेस सरकार को महंगी पड़ेगी। भाजपा कार्यकर्ता कसानों के दर्द को अपना दर्द समझता है और जब तक प्रदेश के बदहाल किसानों को उनका जायज हक कमलनाथ सरकार
नही दे देती तब तक हम हर स्तर पर जाकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे। शेखावत ने कहा कि किसानों की आवाज भाजपा लगातार बुलंद करती आई है। इसी तारतम्य में मंडल की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ता एवं किसानों को साथ में लेकर खेत धरना आंदोलन के माध्यम से प्रदेश की कमलनाथ सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। पाड्ल्याकलां स्थित
झांझाखेड़ी सोसायटी के समीप हुए खेत धरना आंदोलन की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल ने की। आंदोलन को पूर्व विधायक के अलावा कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। इस मौके पर लालसिंह राणावत, सज्जनसिंह शेखावत, छोटे मल्लाह, श्याम शेखावत, रामसिंह शेखावत, अशोक मावर, गिरधारी लाल सोनी, भवानीसिंह देवड़ा, गोलू यादव, कमल शर्मा, राधेश्याम मकवाना, अमरजीत चावला, राजेश धाकड़, आकाश संकत आदि मौजूद थे।
यूरिया के नाम पर भाजपा का धरना नौटंकी-मालपानी
भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार मांग के अनुसार यूरिया का आवंटन म.प्र. के किसानों के लिये नहीं कर रही है। प्रदेश के किसानों के साथ मोदी सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैए से किसानों में भी आक्रोश है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके सहयोगी मंत्री कई बार केन्द्र से यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति की मांग कर चुके है। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि बसंत मालपानी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहते हुए कहा कि भाजपाई युरिया की किल्लत को लेकर धरने प्रदर्शन कर मोदी सरकार की नाकामियां छिपाने के लिये वो महज नौटंकी कर रहे हैं।पिछले 15 सालों से मध्यप्रदेश सहित नागदा-खाचरौद विधानसभा में भी सोसाईटियों में भाजपा समर्थित लोगों की भर्तियां हुई है। वे लगातार कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे है। उन्हें जब पता है कि एक बीघा में लगभग 1 बोरी यूरिया लगती है तो आवश्यकता अनुसार यूरिया की मांग क्यों नहीं की गई। गौरतलब है कि पिछले वर्ष से ही केन्द्र सरकार द्वारा 50 किलो युरिया के बेग को महज 45 किलो का कर दिया। मालपानी ने कहा कि सोसाईटी में पदस्थ कर्मचारी विशेषकर सचिव भाजपा के दलाल
बनकर भाजपा नेताओं के ईशारे पर काम कर रहे है। उन्होने कांग्रेस सरकार की किसान हितैशी कर्जमाफी योजना में भी किसानों को परेशान किया एवं कई जगह से भ्रष्टाचार की भी शिकायते मिली है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सहकारिता मंत्री गोविन्दसिंह को पत्र लिखकर नागदा खाचरौद क्षेत्र की समस्त सोसाईटियों की युरिया वितरण एवं किसान
कर्जमाफी की जांच की मांग की एवं सचिवो को निलंबित एवं वर्षो से जमे सोसाईटियों के कर्मचारियों के स्थानान्तरण की बात भी पत्र में लिखी।

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