फूलों में सजे वृन्दावन बिहारी तो महाराज झूमें
नागदाPublished: Dec 11, 2019 09:14:05 pm
श्री बाल हनुमान फलाहारी बाबा सामाजिक विकास समिति की अगुवाई में चंबल तट स्थित बाल हनुमान मंदिर में श्रीमदभागवत कथा के छठे दिन बुधवार को श्रीकृष्ण -रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
फूलों में सज वृन्दावन बिहारी तो महाराज झूमें
भागवत कथा में कृष्ण-रुकमणी विवाह का हुआ प्रसंग, कथा का समापन आज, भंडारा भी होगा
नागदा। श्री बाल हनुमान फलाहारी बाबा सामाजिक विकास समिति की अगुवाई में चंबल तट स्थित बाल हनुमान मंदिर में श्रीमद
भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को श्रीकृष्ण -रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य देवकीनंदन शरण ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। भारी संख्या में भक्तगण दर्शन के लिए शामिल हुए। कथा के दौरान महाराज देवकीनंदन शरण ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया।
विवाह में भक्त बने बराती
भागवत कथा के छठे दिन कथा स्थल पर रूकमणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। उन्होंने आगे कहा कि जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है वह मात्र संकल्प की होती है संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत विवरण दिया। श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर व्याख्यान करते हुए उन्होंने कहा कि रुकमणी के भाई रुकमी ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है और द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्य मार्गी है इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपना एगी अंत भगवान श्री द्वारकाधीश जी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया और उन्हें पद्यी के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया रुक्मणी विवाह प्रसंग पर आगे कथावाचक ने कहा इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है।
यजमान परिवार ने महारास मेें बरसाएं फूल
कथा प्रसंग के अंत में महारास का आयोजन किया। इस दौरान यजमान सुल्तानसिंह शेखावत सहित परिवारजनों ने महारास में झूम रहे भक्तों पर फूल बरसाए। इसी बीच कथा वाचक देवकीनंदन ने भी भजनों के माध्यम से श्रद्वालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। जानकारी चेतन नामदेव ने दी।
ये रहे अतिथि
हनुमानप्रसाद शर्मा, रामअवतार शर्मा, प्रहलाद शमा, पुरुषोत्तम माखरिया, मुन्नालाल प्रजापत, प्रहलाद राठी, अजय नागर, विजय सेठी, राजेंद्र अवाना, जगमालसिंह राठौड़, अशोक शर्मा, दयाराम धाकड़, लक्ष्मीनारायण सगीतला, मांगूसिंह सरपंच, राकेश यादव, बिंदू सेठ, जोधसिंह राठौड़, अशोक मावर, अमनदीप खालसा, सुनील जोशी, डॉ तेजबहादुरसिंह चौहान, राजेश गगरानी सहित नवकिरण संस्था की मीना अग्रवाल, मंजुबाला पोरवाल, मीना गुर्जर, अर्चना वर्मा, संगीता भारद्वाज, प्रेेमलता बिंदल, ललीता मीणा, संगीता रघुवंशी, रीमा पोरवाल, मेहतवास महिला मंडल, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने व्यासपीठ का पूजन कर महाराजश्री से आशीर्वाद लिया।
आज होगा भंडारा
समिति अध्यक्ष मोतीसिंह शेखावत एवं बसंत रघुंवशी ने बताया कि गुरुवार को शतचंडी यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ भी भागवत कथा का समापन हो जाएगा। इस दौरान भंडारे का आयोजन भी रखा गया। अधिक से अधिक श्रद्वालुओं से शामिल होने की अपील समिति के रामसिंह शेखावत, जतनसिंह शेखावत, मोहब्बतसिंह राठौड, भवंर शेखावत, ओम पुरोहित, दिनेश परिहार, दीपक केरवार, किशन शेखावत, हर्षद रघुवंशी, रणजीत शेखावत आदि ने की है।