नागदा

इस गांव में सर्द मौसम में भी पानी की समस्या

शिकायत करने पर करना पड़ता है जनप्रतिनिधियों के क्रोध का सामना

नागदाOct 26, 2018 / 01:09 am

Lalit Saxena

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नागदा. विकास के नाम पर वाह वाही लूटने वाले नागदा-खाचरौद विधानसभा में ऐसा गांव भी मौजूद है, जहां पर वर्षभर पेयजल संकट व्याप्त रहता है। परेशानियों की हद तब पार हो जाती है, जब सर्द मौसम में भी ग्रामीणों को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। इतना ही नहीं शिकायत किए जाने पर ग्रामीणों की सुनवाई तक नहीं होती और अधिक बार शिकायत करों तो ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों के क्रोध का शिकार होना पड़ता है। विड़बना यह है, कि एक ओर जहां ग्राम में आवास योजना का टारगेट पूरा हो रहा है, तो दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं को ग्रामीण मौहताज हो रहे हैं। आगामी विधानसभा से ग्रामीणों को उम्मीद है, कि जो प्रत्याशी उन्हें ग्राम की बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने का आश्वासन देगा उक्त लोग मत उसे ही देंगे।
ग्राम की सड़क मांग रही दुहाई : चित्र से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्राम में विकास के कार्य कितने और किस प्रकार के हुए। ग्राम की सड़कों की बात की जाए, तो सड़कें निर्माण के लिए गुहार लगा रही है। वर्ष भर जलसंकट से जूझने वाले ग्राम निपानिया के ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों से अब किसी प्रकार की कोई उम्मीद है। ग्रामीणों का तर्क है, कि जनप्रतिनिधि केवल विधानसभा चुनाव के दौरान हमारे दरवाजों तक पहुंचते है। उसके बाद उन्हें यह तक याद नहीं रहता कि उक्त ग्रामीण कौन से विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निवासरत है। ग्राम में कई ऐसे भी ग्रामीण है, जिनके राशन कार्ड तक नहीं बने। लिहाजा ग्रामीण जनपद कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है।
हर बार चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास की बयार चलाए जाने की बात कही जाती है, लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकलता है। ग्राम की सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है। लेकिन परवा किसे है।
कुंवर गुर्जर, ग्रामीण
विकास की विभिन्न योजनाएं हमारे गांव में पहुंची लेकिन हमारी मूल समस्या ग्राम पहुंचने का प्रमुख मार्ग है। यदि वह ही इस कदर जर्जर स्थिति में रहेगा तो मतदान के दौरान हमें सोचने पर विवश जरुर करेगा। मोतीवीर गोस्वामी, ग्रामीण
मोतीवीर, गोस्वामी
विधानसभा में खड़े होने वाले जनप्रतिनिधियों से उम्मीद है, कि आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य की सोच रखें। जनप्रतिनिधियों से शिकायत नहीं है, लेकिन ग्रामीणों को बेहतर मार्ग की उपलब्धता कराए जाने की ओर सोचना चाहिए।
बाला गुर्जर, ग्रामीण
ग्राम की सड़कों के लिए कई शिकायत की जा चुकी है लेकिन हर बार अफसर किसी ना किसी कार्य का बहाना बनाकर कार्य को रोक देते है। निर्माण नहीं होने में किस प्रकार की परेशानी आ रही है, यह सोच से परे है।
शिवा भाटी, ग्रामीण

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