हत्या के दौरान फईम के साथ चेतनपूरा निवासी इमरान खांन पिता गफ्फर खान, साबीर शेख उर्फ शब्बू पिता नन्हे खां भी मौजूद थे। घटनाक्रम में पुलिस द्वारा चौथे आरोपी के रुप में अकबर नामक युवक को भी मुलजिम बनाया था। पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण कोर्ट ने अकबर को दोषमुक्त कर दिया था। मामले में सरकारी अभियोजन की ओर से करीब 14 गवाहों को न्यायालय में पेश कर बयान करवाए गए थे। वहीं हत्या में जिस पिस्टल का उपयोग किया गया उसकी फॉरेसिंक जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई थी।
पुलिस डायरी की मानें तो मृतक जावेद के पिता रखमतलाला वारदात वाले दिन दोपहर में बायपास रोड़ स्थित कब्रस्तान किसी कार्य से गये थे। जहां उन्होने देखा की कुछ युवक कब्रस्तान में बैठकर नशा कर रहे थे। जिस पर रखमतलाला ने उन्हे डाटा और वहां से चले जाने को कहा था। इसी बात से नाराज आरोपी फईम अपने दो साथी इमरान और साबीर के साथ रखमतलाला की होटल रूबी पर मोटर साइकल से पहुंचे। होटल पर रखमतलाला का पुत्र जावेद मिला। जिस पर फईम ने पिस्टल से ताबड़तोड़ दो गोली दागी। एक जावेद के बाएं हाथ एवं दूसरी गोली उसके गले में लगी। जिससे जावेद की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। जिसे पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना का मुख्य आरोपी फईम जेल में ही बंद है। वही इमरान साबीर और अकबर जमानत पर बहार थे।
एक आरोपी की कुछ दिन पहले ही हो गई थी मौत
जावेद हत्याकांड में कुल चार आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट पेश की थी। जिसमें साबीर उर्फ शब्बू नामक आरोपी की करीब दो माह पूर्व ही बीमारी के चलते मौत हो गई है। वहीं घटना के आरोपी अकबर को न्यायालय ने दोष मुक्त करार दिया है। शेष बचे दो आरोपी फईम जो जेल में ही बंद है जबकि जमानत पर रिहा हुए इमरान को न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने जेल पहुंचा दिया है। न्यायालय ने जिस अकबर को दोष मुक्त किया उसकी पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक जैना श्रीमाल एवं प्रीति श्रीमाल ने की।