सभी छात्र बारी-बारी से मंच पर आते गए और 15 साल की अपनी उपलब्धि बताते गए। किसी ने बताया कि वह कृषि विस्तार अधिकारी बन चुका है तो किसी ने कहा कि वह आईसीआर में अपनी सेवा दे रही है। कॉलेज से पास आउट हर छात्र देश के किसी न किसी कोने में कृषि और किसानों को उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
सालों बाद दोस्तों से मिलकर कुछ छात्र भावुक भी हो गए। सभी एक-दूसरे से गले मिलते और बातें करते रहे। पहली बैच के पास आउट छात्रों ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि साल 2000 में उन्होंने एडमिशन लिया तब कॉलेज की शुरुआत हुई थी उस वक्त कॉलेज के पास वैसे संसाधन नहीं थे जैसे कि आज हैं, बावजूद इसके कॉलेज की फैकल्टी और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन ने उन्हें सफल बनाया और आज वे देश-प्रदेश में शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय और केवीके का नाम रोशन कर रहे हैं। कॉलेज के डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि एलुमिनी मीट और एग्री स्काई के दौरान डीन डॉ. एससी मुखर्र्जी, डॉ. बीके कौशिक, डॉ. केएल केएल नंदेहा, डॉ. एसएस राव मौजूद थे।
देर रात तक छात्र देते रहे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
एलुमिनी मीट के साथ ही कॉलेज के वार्षिक उत्सव एग्री स्काई 2019 का आयोजन भी किया गया। रात 8 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। इसमें छात्रों ने अपने नृत्य, गायन और लेखन प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान पुरस्कार वितरण भी किया। सालाना गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र पुरस्कृत किए गए।