टैगोर का छत्तीसगढ़ से रिश्ता
रवीन्द्रनाथ टैगोर और छत्तीसगढ़ का रिश्ता दर्द का है। टैगोर यहाँ तब आये थे जब उनकी पत्नी क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित थी। पेंड्रा रोड स्थित टीबी सैनिटोरियम में इलाज कराने के लिए आये थे और उसी दौरान उन्होंने कुछ वक़्त यहाँ गुजारा था। यात्रा के दौरान बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर उन्होंने एक कविता भी लिखी थी। कविता का शीर्षक था ‘फांकी‘ जिसे आज भी बिलासपुर के स्टेशन पर पढ़ा जा सकता है।रविंद्र नाथ की पांच सर्वश्रेष्ठ कवितायें
1-हो चित्त जहाँ भय-शून्य, माथ हो उन्नत 2-धीरे चलो, धीरे बंधु 3-सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन 4-यह कौन विरहणी आती 5-चीन्हूँ मैं चीन्हूँ तुम्हें ओ, विदेशिनी !