नक्सल प्रभावित इलाके में विकास थमा इस सीट पर नक्सलियों का दखल है। नारायणपुर जिले की बात करें तो यहां पर नक्सली वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ अबुझमाड़ के ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं। (CG aseembly election) उनकी मांग है कि फोर्स जंगलों से दूर रहे। वे कैंप खोलने का विरोध कर रहे हैं। जिले को अंतागढ़ से जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है। (CG Vidhansabha chunav) मुख्यमंत्री ने नारायणपुर प्रवास के दौरान इसके चौड़ीकरण की घोषणा की थी, लेकिन चार साल बीतने के बावजूद इसपर अमल नहीं हो पाया है। अबुझमाड़ ओरछा के अंदरूनी गांवों के हालात जस के तस बने हुए हैं। इन गांवों की स्थिति सुधारने के लिए न सरकार ने कोई पहल की और न ही विधायक ने।
लगातार मौजूदगी दर्ज करवा रहे नक्सली यहां के अंदरूनी इलाके में एक-दो साल में नक्सली गतिविधियों में इजाफा हुआ है। नक्सली किसी न किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। (CG Election 2023) इस बीच, ग्रामीण कहते हैं कि नक्सली वारदात के बाद पुलिस ग्रामीणों को पकड़ कर फर्जी केस बनाकर नक्सली घोषित कर देती है। वहीं नक्सली बंदूक के दम पर ग्रामीणों से अपने काम करवाने लगे हुए हैं।(CG Vidahnsabha chunav2023) इससे अंदरूनी गांवों में निवासरत ग्रामीण दो पाटों के बीच पीस रहे हैं। एक तरफ मौत का डर तो दूसरी तरफ जेल की सजा की आशंका के बीच जिंदगी सिमट कर रह गई है।
8 माह से कर रहे प्रदर्शन, मांग अधूरी अबुझमाड़ इलाके में तोयामेटा, इरकभट्टी, ढोढरीबेड़ा, ओरछा, होडऩार में ग्रामीण अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन मांगों को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को कई बार ज्ञापन सौंपा है, लेकिन मांग अधूरी ही है। (CG Election2023) ग्रामीण इन इलाकों में फोर्स के दखल और कैंप खोलने का विरोध कर रहे हैं।
क्षेत्र में सड़कों की हालत दयनीय अबुझमाड़ सहित अंदरूनी गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाया गया है, लेकिन सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान देने में कोई रुचि नहीं दिखाई गई है। मेटाडोंगरी, ईकोडी, ओरछा, सोनपुर, कोहकामेटा, (CG A ssembly 2023) सहित अन्य गांव के ग्रामीण सरकार पर सड़क निर्माण में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं।
वोटर बोले- कुछ काम हुए, कुछ बाकी सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद पोटाई कहते हैं कि सरकार ने किसानों के हित में बहुत से काम किए हैं, लेकिन क्षेत्र में सबसे मुख्य समस्या अंतागढ़ मार्ग के चौड़ीकरण की है। इस मार्ग की घोषणा के बावजूद नहीं बनना सरकार की विफलता की ओर इशारा करता है। (CG Naxal News) ग्रामीण देवा कहते हैं कि तालाबों का बुरा हाल है। लोगों को निस्तारी के लिए भी जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।