बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए यह टीकाकरण किया जा रहा है
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एआर गोटा ने बताया कि खसरा व रूबेला रोग से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए यह टीकाकरण किया जा रहा है। इस टीके का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। खसरा जान लेवा तथा संक्राम बीमारी है। निमोनिया, दस्त और दिमागी संक्रमण जैसी जीवन के लिए घातक और संवेदनशील बना देता है।
टीकाकरण के दिवसों में क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्र खुले रहेंगे
इसी प्रकार रूबेला का संक्रमण गर्भावस्था के दौरान स्त्री को होने पर नवजात शिशुओं के लिए गंभीर व घातक साबित हो सकता है। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन से आए एसएमओ डॉ शरीफ ने बताया कि प्रथम चरण में स्कूली बच्चों और दूसरे चरण में आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। टीकाकरण के दौरान पशिक्षित स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। टीकाकरण के दिवसों में क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्र खुले रहेंगे।
43 हजार 911 का लक्ष्य
जिले के 9 माह से 15 वर्ष के कुल 43 हजार 911 बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें नारायणपुर ब्लाक के कुल 33 हजार 464 बच्चे और ओरछा विकासखंड के 10 हजार 447 बच्चों को चिन्हांकित किया गया है। इस हेतु स्कूली छात्रों के अभिभावकों और आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों के माता-पिता से संपर्क कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बैठक में सीइओजिपं अशोक चौबे, डीइओ आरपी मिरे, महिला एवं बाल विकास अधिकारी लुपेन्द्र महिनाग, डिप्टी कलक्टर एसएन बाजपेयी, डीपीएम प्रिया कंवर, नपाअ एलएमपी सिंह, बीएमओ ओरछा डॉ. बीएन बनपुरिया व अन्य उपस्थित थे।