उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश में हुई करारी हार को पचा नहीं पा रही है और उसका गुस्सा अब पत्रकारों पर उतारा जाने लगा है। पार्टी की विचारधारा और नेताओं के सदाचार की दुहाई देने वाली पार्टी की हकीकत सामने आ चुकी है। चुनाव के परिणाम के लगभग ढेड़ महीने हो गए लेकिन भाजपा की हर बैठक में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
यहां तक तो ठीक था लेकिन अब ये लोग पत्रकारों पर हमला करने लगे हैं। इसकी निंदा की जानी चाहिए। यह बहुत ही दुखद है कि एक पत्रकार को उसका मोबाइल, कैमरा छीनकर अपनी मनमानी की जाती है । उसकी रिकार्ड की हुई चीजों को डिलीट कर दिया जाता है। और उसके साथ मारपीट भी की जाती है, ऐसे हालातों में पत्रकारों में आक्रोश पैदा होना स्वाभाविक है।
इस घटना में पीडि़त पत्रकार साथी को न्याय मिलना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। मरकाम ने आगे कहा कि हमारी कांग्रेस सरकार पत्रकारों की सुरक्षा और उनके हितों के संरक्षण के लिए कानून बनाने का काम कर रही है। इससे पत्रकारों को न्याय मिलेगा और पत्रकार अपने कार्य बिना किसी भय के कर सकेगें।
पत्रकार साथी के साथ हुई अभद्रता से यह बात साफ हो गई है कि भाजपा का अब लोकतंत्र से भी भरोसा उठ गया है। भाजपा के नेता हार से इतना बौखला गए हैं कि अपनी हार का ठीकरा कभी कार्यकर्ताओं पर फोड़तेे हैं कभी पत्रकारों पर गुस्सा निकालते हैं, इससे जाहिर है कि यह जनता के आदेश को भी नहीं मानना चाहते हैं। उनके इन कृत्यों को प्रदेश की जनता देख रही है।