दिव्यांग लीना निभा रही है अनोखा काम
लीना उस दिव्यांग लड़की का नाम है, जो लीना न बोल सकती और न सुन सकती है। फिर उसे कैसे महसूस होता है कि दुनिया में कुछ गड़बड़ हुई है। यह सोचने -समझने की बात है । कहने के लिए घर में सब थे पर वो अकेली थी। क्या इस दिव्यांग गूंगी,बहरी लड़की को कुछ सिखाया जा सकता था। तो हां उसकी मां ने यह कर दिखाया। उसकी भाषा-जरूरत को महसूस किया। मां ने उसे शासन की योजनाओं के तहत सिलाई-कड़ाई का प्रशिक्षण दिला कर हुनरमंद बनाया। खाने आदि बनाने के लिए कुकिंग कोर्स करवाया।
हर दिन बनाती है 80 मास्क
आज लीना २३ वर्ष की हो चुकी है, पर वह नहीं जानती कोरोना वायरस क्या है। बस सिर्फ उसे पता है, कि कुछ तो जिससे सब भयभीत है और उसके बचाव के लिए मुंह पर कपड़ा बाधें हुए है, पर वह दिखता नहीं। मां ने उसको उसकी भाषा में ही समझाया और वह समझ गयी। आज गूंगी-बहरी (दिव्यांग) होनहार लीना जरूरतमंदों के लिए रियूजेबल मास्क बना रही है। दिनभर में वह लगभग 75-80 मॉस्क बना लेती है। जो जिले के गांव-देहातों में जरूरतमंदों को दिए जा रहे है। लीना द्वारा बनाये जाने वाले मॉस्क खरीद कर ग्राम पचायतों और गांव के जरूरतमंदों को वितरण किए जा रहे है।