जिलें में विधानसभा चुनाव को शान्ति पूर्ण रूप से सम्पन कराने के लिए सहित माओवादियों के विधानसभा चुनाव को लेकर मसूबों को नाकाम करने के लिए जिले में सुरक्षा बलों की 80 कम्पनियों के जवानों को मतदान केन्द्रों में तैनात किया गया था। जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीएएफ, एसटीएफ अन्य कम्पनियां शामिल थी।
इन कम्पनियों के जवानों को प्रत्येक मतदान केन्द्र की सुरक्षा सहित मुख्य मार्गो में मतदाताओं की सुरक्षा में तैनात किया गया था। विधानसभा चुनाव में तगडी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण माओवादी बड़ी घटना को अंजाम देने में कामयाब नहीं हो सके।
वहीं मतदान दल व इवीएम सहित वीवीपेट मशीनों के स्ट्रांग रूम में सील होने के बाद बुधवार की सुबह से बाहर से आए फ ोर्स की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया। सुरक्षा गत कारणों से अलग-अलग टुकडिय़ों की जगह एक साथ जवानों को रवाना किया गया। जिलें से जाने वाले जवानों के वाहनों की लंबी कतार से अन्य वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बम डिस्पोजल व डाग स्क्वायड की निगरानी
बुधवार को जवानों की वापसी के चलते सुबह से ही नारायणपुर कोडांगाव मार्ग पर रोड पर ओपनिंग पार्टीया बम निरोधक दस्ता डॉग स्कॉड के साथ सड़क की सघन जांच में लगे हुए थे। इसमें नारायणपुर-कोण्डागांव सड़क की पूरी छानबीन के बाद बाहर से आए हुए जवानों को वापस लौटने के लिए हंरी झंडी मिल गई। इससें मुख्यालय से वापसी कर रहे जवानों की गाडिय़ां सड़क के दोनों और खड़े जवानों के बीच से गुजर रही थी। इससे नारायणपुर कोड़ागावं मार्ग छावनी में तब्दील हो गया था।