scriptनक्सल प्रभावित नारायणपुर में कोराना वायरस के साथ-साथ मलेरिया से लड़ाई जारी | Malaria outbreak in Chhattisgarh: 675 people found malarial positive | Patrika News

नक्सल प्रभावित नारायणपुर में कोराना वायरस के साथ-साथ मलेरिया से लड़ाई जारी

locationनारायणपुरPublished: Jun 22, 2020 11:42:50 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

मानसून (CG Monsoon Update) की दस्तक के बाद जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान (Malaria Free Bastar Campaign) के द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से हुई है, जो 14 जुलाई तक चलेगी।

नारायणपुर. मानसून (CG Monsoon Update) की दस्तक के बाद जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान (Malaria Free Bastar Campaign) के द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से हुई है, जो 14 जुलाई तक चलेगी। जिले के दोनों विकासखण्ड नारायणपुर और ओरछा में अभियान शुरू हो गया है। द्वितीय चरण के सात दिनों में 9235 लोगों की मलेरिया जांच की गयी है। जिसमें से 675 लोग मलेरिया पाजिटीव पाए गए हैं। जिनका बेहतर इलाज किया जा रहा है।
मिली जानकारी में सभी मरीज ठीक हो रहे है। जिले के 151 मलेरिया सर्वेक्षण दल प्रत्येक घरों में दस्तक देकर मलेरिया की जांच कर रहे है। इन दलों द्वारा घरों के साथ-साथ अन्य स्थलों में जाकर मलेरिया की जांच की जा रही है। इन दलों के द्वारा जिले के सभी लोगों के खून की जांच करेगी और मलेरिया पाए जाने पर त्वरित ईलाज एवं निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराएगी। ईलाज शुरू करने के बाद मरीजों का फालो-अप भी लिया जाएगा।
ऐसा नहीं कि नक्सल प्रभावित जिला नारायपुर में सिर्फ कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण पर सब एक जुट है। बल्कि नारायणपुर सहित अबूझमाड़ के अन्दरूनी क्षेत्रों जो चारों और से घने जंगलों, पहाड़ों से घिरे हुए गांवों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता या कहे कि स्वास्थ्य योद्धा लोगों को कोरोना वायरस से बचाव की बातें तो बता ही रही है।
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साथ ही वे मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अबूझमाड़ के गांवों में पहुंचकर मलेरिया की जांच कर रही है और गांववासियों को मेडिकेट मच्छरदानी भी बांट रहे है। वहीं बीमारों को जरूरी दवाईयां और बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी कर रहे है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का भी पालन कर रहे है। ग्रामीणों को हाथ धोने और साफ-सफाई के साथ रहने सर्दी-खांसी बुखार होने पर सरपंच, सचिव या मितानिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बताने की बात भी समझा रहे है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर संभाग के लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने हेतु पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की। जिसका प्रथम चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक चलाया गया था। जिसके द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से की गयी है। इस अभियान के तहत नगरीय क्षेत्र के अलावा दूरस्थ अंचलों, मजरों-टोलों व अन्य स्थलों में लोगों की मलेरिया की सघन जांच की जा रही है।
संभाग में इस अभियान को जन अभियान के रूप में विस्तारित किया गया ताकि लोग मलेरिया से जागरूक हो सकें। इस अभियान के तहत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों की मलेरिया की सघन जांच का कार्य कर रही हैं।
बता दें कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के प्रथम चरण में स्वास्थ्य विभाग जिला नारायणपुर द्वारा 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चले इस सघन अभियान में जिले के 1 लाख 73 हजार 991 लोगों की मलेरिया जांच की गई थी। जांच में 11 हजार से ज्यादा महिला, पुरूष और बच्चे मलेरिया पाजिटिव पाये गए थे। पाजिटिव पाए गए सभी मरीजों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर मलेरिया की खुराक दिया गया था। जिसमें पाजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आयी।
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