कलक्टर ने विशेष आवश्यकता एवं देखरेख वाले बच्चों की सुरक्षा पर विशेष बल देकर शिशु पालन केन्द्र की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। जिला महिला एवं बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी लुपेन्द्र महिनाग ने विस्तार से जानकारी दी। कलक्टर पीएस एल्मा ने बैठक में चर्चा के दौरान सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में सीसीटी कैमरा लगाए जाने के निर्देश दिए। जिले की पलायन पंजी का संधारण करने को कहकर रामकृष्ण मिशन आश्रम से संचालित बालगृह (बालक-बालिका) के संचालन में नियम प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की बात कहते हुए रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा।
कलक्टर ने बालगृह केन्द्र के बालक-बालिकाओं के आधार कार्ड और बैंक खाते बनाने पर जोर देकर ग्राम स्तर पर बालश्रम, बाल यौन शौषण, पलायन, ट्रेफिकिंग अथवा किसी प्रकार की बच्चों के साथ क्रूरता जैसा व्यवहार न हो। घटना संज्ञान में आने पर सभी तथ्यों का संकलन करते हुए संबंधित थानों की विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिला बाल संरक्षण समिति, बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड को तत्काल कार्रवाई हेतु सूचित करें। कलक्टर ने कहा कि बाल संरक्षण समिति के सदस्य क्षेत्र में नवीन आगन्तुक बच्चों, क्षेत्र से बाहर गए बच्चों के संबंध में समय-समय पर सूचना एकत्रित करें तथा संबंधित को अवगत कराएं।
आदर्श आचार संहिता के बाद समितियां अपने अधीनस्थ क्षेत्र में आर्थिक अभाव से बच्चों का लालन-पालन न करने वाले परिवारों को चिन्हित कर रोजगारपरक योजनाओं से अभिभावकों को लाभान्वित कराकर परिवार का बच्चों के उचित पालन पोषण के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करें। इसके साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गयी।
इस अवसर पर एसडीओपी पंकज पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ए.आर.गोटा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास केएस मसराम, जिला समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन आरपी मिरे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एलएमपी सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नारायणपुर संजय चंदेल, परियोजना अधिकारी अजीत सिंह के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य विभागों के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।