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चार ग्रामीणों को नक्सलियों ने मुखबिरी के नाम पर मौत के घाट उतारा, प्रशासन दे रहा बस आश्वासन

locationनारायणपुरPublished: Apr 30, 2019 08:24:02 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

15 दिन पूर्व 4 ग्रामीणों को पुलिस के मुखबीर होने का आरोप लगाकर मौत के घाट उतारा है।

villagers with administration

चार ग्रामीणों को नक्सलियों ने मुखबिरी के नाम पर मौत के घाट उतारा, प्रशासन दे रहा बस आश्वासन

नारायणपुर. आदिवासियों के हक़ के लिए हथियार उठाने वाले नक्सलियों ने उन्ही की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया है।नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में रहने वाल आदिवासी लोग अपनी जान बचाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं उनके पास ना रहने को ठिकाना है और ना ही खाने को खाना।

उनकी गलती बस इतनी सी है की उन्हें पुलिस ने नक्सली होने के शक में गिरफ्तार कर लिया और 6 महीने तक जेल में रखा था इसलिए नक्सलियों को लगता है की पुलिस ने उन्हें अपना मुखबिर बना कर भेजा है। नक्सली इन सभी लोगों को मारने की योजना बना रहे हैं।
नक्सलियों के डर के कारण पाँचों परिवारों अपना घर बार छोड़कर नारायणपुर पहुंच गए हैं।गाँव के ही कुछ लोगों ने बताया की नक्सलियों ने इन्हे जान से मारने का फरमान जारी कर दिया है।नारायणपुर आ कर ग्रामीणों ने अपनी जान तो बचा ली है लेकिन यहाँ ना उनको रहने के लिए कोई जगह मिल पा रही है और ना ही भोजन की कोई व्यवस्था है।
इसमें करीब 1 माह में 4 ग्राम पंचायतों के करीब 30 ग्रामीण अपनी जाच बचाकर मुख्यालय पहुंचे है। लेकिन मुख्यालय पहुंचने के बाद इन ग्रामीणों के सामने जीवन-यापन करने की समस्या आई गई है।
villagers
इससे मुख्यालय में शरण लेने वाले 30 ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर पीएस एल्मा व एसपी मोहित गर्ग को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक सहायता के लिए गुहार लगाई है।कलेक्टर और एसपी ने हर संभव मदद करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।

4 ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट

मओवादी दहशत के कारण अबूझमाड़ के 4 ग्राम पंचायतों से अपने पुस्तैनी गांव को छोडकर मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने एसपी मोहित गर्ग को बताया की माआवेदियों ने करीब 15 दिन पूर्व 4 ग्रामीणों को पुलिस के मुखबीर होने का आरोप लगाकर मौत के घाट उतारा है।
villagers with administration
इसमें अबूझमाड़ के कदेर निवासी पाण्डूराम गावडे, मंगलू नूरेटी व ताहकादोण्ड निवासी पारस नूरेटी एंव लकमा नूरेटी शामिल है।

इन ग्रामीणों को माओवादियों ने जनअदालत लगाकर डंडे से मारपीट करने के बाद रस्सी से फांसी लगाकर मौत के घाट उतारकर परिजनों सहित ग्रामीणों को घटना की जानकारी पुलिस या अन्य किसी को देने पर इस तरह का अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।
इस धमकी के कारण परिजन ने घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। माओवादी दहषत के कारण मृतक के परिजन मुख्यालय पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को देने के लिए हिम्मत नहीं जूटा पा रहे है। लेकिन माओवादी दहषत के कारण मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने मंगलवार को एसपी मोहित गर्ग को इस घटना के बारे में अवगत कराया है।
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