फर्नीचर की अनुमानित मूल्य छह लाख रुपए
विभागीय कर्मचारियों ने इन फर्नीचर की अनुमानित मूल्य छह लाख रुपए आंकी गई है। छोटेडोंगर वन परिक्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों को अवैध तौर से फर्नीचर परिवहन करने की सूचना लगातार मिल रही थी। इसके आधार पर वन विभाग की टीम छोटेडोंगर बैरियर में वाहनों की चेकिंग करने लगी थी।
बैरियर तोड़ भागने की फिराक में था चालक
इस चेकिंग के दौरान वाहन को बैरियर में रोकने की कोशिश वन विभाग के टीम द्वारा की गई। इसके बावजूद चालकों ने बैरियर में वाहन रोकने के लिए कोई जल्दबाजी नहंी दिखाई। इसमें वन विभाग की टीम छोटेडोंगर से वाहन का पीछा करने में लगे हुए थे। जिन्होने धौड़ाई के पास किसी तरह वाहन को रोककर चालकों से फर्नीचर परिवहन करने संबधित कागजात को लेकर पूछताछ किया गया। इस पूछताछ में कागजात नहीं मिलने पर वन विभाग की टीम ने दोनों को अपने अभिरक्षा में लेकर निरीक्षक कुटीर पहुंची। जहां पर वाहन में अंदर लोड फर्नीचर को नीचे उतारने के बाद पंचनामा र्कावाही करते हुए नाप-जोख करना शुरु कर दिया। इसमें करीब 9 दीवान के साथ करीब एक से ड़ेढ़ लाख रूपए का हाथ चिरान को वन विभाग ने जब्त कर लिया है।
क्लोजिंग सामान लेकर पहुंचे थे वाहन
सीएएफ 11वीं वाहिनी के वाहन क्लोजिंग का सामाना लेकर जांजगीर चांपा से नारायणपुर के लिए रवाना हुए थे। इस क्लोजिंग सामान में जूता, चप्पल, बंदुक के जिंदा राउंड शामिल थे। वाहन चालक अशोक उरांव व सविनय मण्डावी को ओरछा मार्ग में आरओपी पार्टी लगने की जानकारी मिलने के बाद क्लोजिंग सामना छोडने के लिए आमदई घाटी में कैम्प के लिए रवाना हुए थे। झारा घाटी कैम्प में सामान छोडऩे के बाद वाहन आमदई घाटी कैम्प पहुंचे थे। इसके बाद वाहिनी के जवानों ने वाहन में फर्नीचर को लोड कर दिया।